Rajasthan

This rare snake called two-headed snake this is reason behind it

Last Updated:April 20, 2025, 15:40 IST

इंडियन रेड सेंड बोआ स्नैक को सिरोही जिले के एक रहवासी इलाके से रेस्क्यू कर वन विभाग की मौजूदगी में सुरक्षित ऋषिकेश के जंगलों में छोड़ दिया गया. आइए इस सांप के बारे में जानते हैं.X
इंडियन
इंडियन रेड सैंड बोआ स्नैक

हाइलाइट्स

इंडियन रेड सेंड बोआ सांप गैर विषैली प्रजाति है.रेस्क्यू टीम ने 5 सांपों को सुरक्षित जंगल में छोड़ा.सांप गर्मी-सर्दी से बचने आबादी क्षेत्र में आते हैं.

सिरोही:- जिले में एक सांप ऐसा भी पाया जाता है, जिसकी पूंछ उसके मुंह जैसी होने के साथ ये सांप दोनों तरफ चलता है. इस गुण की वजह से इसकी गिनती कुछ अनोखे सांपों की प्रजाति में होती है. हम बात कर रहे हैं इंडियन रेड सेंड बोआ स्नैक की. इस सांप को सिरोही जिले के एक रहवासी इलाके से रेस्क्यू कर वन विभाग की मौजूदगी में सुरक्षित ऋषिकेश के जंगलों में छोड़ दिया गया.

इंडियन रेड सेंड बोआ सांपजिले में तापमान बढ़ने के साथ ही अब सरीसृप भी ठंडक की खोज में आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं. जिले के आबूरोड शहर और आसपास के इलाकों में भी शनिवार को एक साथ पांच सांपों का रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू टीम ने एक इंडियन रेड सेंड बोआ सांप और 4 कोबरा सांप का रेस्क्यू किया.

टीम के स्नेक विशेषज्ञ चिंटू यादव ने Local 18 को बताया कि शनिवार को शहर के आकराभट्टा इलाके से सोऊचना मिली कि एक घर में सांप आ गया है. वहां पहुंचे, तो एक इंडियन रेड सैंड बोआ प्रजाति का सांप मिला, जिसे सुरक्षित रेस्क्यू किया गया.

दुनिया का सबसे बड़ा सेंड बोआ सांप स्नैक एक्सपर्ट चिंटू यादव ने बताया कि यह एक गैर विषैली प्रजाति है. यह मुख्य रूप से लाल-भूरे रंग का सांप होता है, जो औसतन 75 सेमी. लंबा होता है. अधिकांश सांपों के अलग इसकी पूंछ लगभग इसके शरीर जितनी मोटी होती है. जिससे यह “दो सिरों” वाला लगता है. इस प्रजाति के सांप दुनिया के सैंड बोआ प्रजाति में सबसे बड़े होते हैं. यह रात्रिचर होने के साथ अपना अधिकांश समय ज़मीन के नीचे बिताते हैं.

घर से रेस्क्यू किया गया एक रेट स्नैकरेस्क्यू टीम ने सुबह सात बजे से एक बजे तक गांधीनगर, उमरनी और मानपुर हवाई पट्टी से कोबरा सांप, न्यूटाउन से धामन सांप, और तत्येलेती से एक रेत स्नैक को रेस्क्यू किया. इन सभी सांपों को वन विभाग के बाबू सिसोदिया के नेतृत्व में ऋषिकेश के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा दिया गया. चिंटू यादव ने लोकल 18 को बताया कि गर्मियों में सांपों का निकलने का कारण होता है कि सांपों को ज्यादा गर्मी या ज्यादा सर्दी सहन नहीं होती है. इस कारण से सांप मर भी जाते हैं.

सांपों के लिए टेम्प्रेचर मीडियम होना जरूरी होता है. आबादी इलाकों के घरों में ठंडक होने की वजह से ये सांप रिहायशी इलाकों की तरफ ज्यादा आते हैं. वहीं कुछ सांप अपने भोजन की तलाश में भी आ जाते हैं. सांप आने पर इन बेजुबान जीवों को मारने के बजाय वन विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि इन्हें रेस्क्यू कर वापस जंगल में छोड़ा जा सके.

Location :

Sirohi,Rajasthan

First Published :

April 20, 2025, 15:40 IST

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इस दुर्लभ सांप को कहा जाता है ‘दो मुंहा सांप’, ये है इसके पीछे की वजह

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