This sweet of Bhilwara is very special, its sweetness makes Diwali special.
भीलवाड़ा. राजस्थान प्रदेश के मेवाड़ की मिठाइयों की मिठास का कुछ अलग ही अंदाज है. मेवाड़ की मिठाई में भीलवाड़ा के मुरके अपनी अलग ही पहचान रखते हैं. उड़द की दाल के आटे से बने मुरके का रूप जलेबी और इमरती से कुछ मिलता जुलता होता है. इमरती और जलेबी जहां मैदा से बनती है. वहीं मुरके के उड़द की दाल के आटे से बनाए जाते हैं. यह मिठाई साल भर में केवल दीवाली के मौके पर ही बनाई जाती है. भीलवाड़ा के आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में इस मिठाई का प्रचलन ज्यादा है. दूसरी मिठाइयां तो भीलवाड़ा के बाजारों में 12 महीने मिल जाती हैं. मगर मुरके की मिठाई की खास बात यह है कि कुछ मिठाई दिवाली तक चलती है. लक्ष्मी पूजन में भी इस मिठाई के साथ करते हैं और लक्ष्मी माता को मुरके का भोग लगाया जाता है.
मूरका मिठाई बनाने वाले दुकानदार कशिश पाटनी ने कहा कि यह मिठाई उड़द की दाल से बनाई जाती है जो केवल दिवाली पर ही बनती है. पिछले 50 वर्षों से हमारा परिवार यह मिठाई बनाते हुए आ रहा है और अभी हमारी तीसरी पीढ़ी इस मिठाई पर काम कर रही है. इस मिठाई के बिना लक्ष्मी पूजन अधूरा माना जाता है. इस मिठाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको गरम-गरम खाने से आनंद आता है.
साल भर इस मिठाई का करते हैं इंतजारमूरके (मुरका) खरीदने आयी युवती पूजा जैन ने कहा कि मैं पिछले 15 सालों से यह मिठाई खा रही हूं और हर वर्ष हमें इसके बनने का इंतजार रहता है. इस मिठाई को बनाकर नहीं रखा जा सकता है इसके कारण यह शुद्ध होती है मुरके (मुरका) मिठाई के बिना दिवाल का पर्व अधूरा सा लगता है. जिस तरह न्यूज़पेपर के बिना चाय अधूरी लगती है तो उसी तरह इस मिठाई के बिना भी दिन नहीं गुजरता है
लक्ष्मी पूजन में इस मिठाई का महत्वभीलवाड़ा में दीपावली पर्व को लेकर वैसे तो कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती है मगर सबसे ज्यादा अगर किसी की मांग रहती है तो वो है मूरके की मिठाई का. यह मिठाई सिर्फ दिवाली के समय बनती है इस दौरान इस मिठाई के चाहने वाले रोजाना इसका आनंद उठाने के लिए लालायित रहते है. उड़द की दाल और शुरू देशी घी में बनने वाले मूरके की मिठाई को गरम-गरम ही खाना सबसे स्वादिष्ठ होता है और भीलवाड़ा में बिना इसके लक्ष्मी पूजन अधूरा माना जाता है. लक्ष्मी माता के पूजन में माता रानी को इस मिठाई का भोग लगाया जाता है.
स्वाद में है जलेबी का बापयह मिठाई दिखने में तो इमरती और जलेबी की तरह होती है लेकिन स्वाद और शुद्धता की बात की जाए तो यह इससे कई गुना बेहतर है क्योंकि जलेबी और इमरती मैदे से बनाई जाती है और जबकि यह मिठाई उड़द की दाल के आटे से बनाई जाती है और शुद्ध देसी घी में बनाई जाती है इसमें मिलावट का किसी प्रकार से कोई गुंजाइश नहीं रहता है और यही नहीं यह मिठाई जलेबी के मुकाबले बड़ी और चौड़ी होती है.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 16:29 IST