शरीर के हर दर्द का तोड़ है ये थेरेपी, जकड़ी नसों को खोल देगी, भारत की प्राचीन पद्धति में इसका नाम, जानें फायदे

बोकारो: भारत में पुरानी परंपराएं ही नहीं, प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां भी बेहद खास और अनोखी हैं. आज ऐसी ही चिकित्सा पद्धति के बारे में बताते हैं, जो सदियों से लोगों को गंभीर से गंभीर दर्द से निजात दिलाती आ रही है. इस प्राचीन पद्धति का नाम बंबू कपिंग थेरेपी है. इसमें बांस से बने छोटे कपों का उपयोग कर शरीर के खास हिस्सों पर रखकर वैक्यूम बनाया जाता है, जिससे शरीर के भीतर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं. यह थेरेपी रक्त संचार, मांसपेशियों का दर्द , कमर दर्द और स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं के लिए रामबाण है.
बोकारो के थेरेपिस्ट अमित कुमार 30 वर्षों से एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर द्वारा लोगों को तमाम तकलीफों से राहत दिला रहे हैं. भारतीय एयरफोर्स और कई संस्थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. लोकल 18 को बताया कि बंबू कपिंग थेरेपी आज दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है, लेकिन यह भारत की पुरानी पद्धति है. इसे प्राचीन भारत में उपयोग किया जाता था और बंबू कपिंग थेरेपी कारगर माध्यम है, जिससे शरीर में किसी भी तरह के दर्द को दूर किया जा सकता है. इस थेरेपी को आप पेन किलर भी कह सकते हैं.
शरीर से विषैले पदार्थ आएंगे बाहरबंबू कपिंग थेरेपी शरीर में जमे विषैले तत्व बाहर निकालने में कारगर है. इसके लिए सबसे पहले मरीज के शरीर की स्थिति को जानकर नारियल से मालिश कर रिलैक्स किया जाता है. फिर थेरेपिस्ट उसकी पीठ पर बांस से बने कपों को रखते हैं. कप रखने से पहले रुई में स्पिरिट को डुबोकर उसे जलाया जाता है, फिर बंबू कप में वैक्यूम बनाया जाता है. कप को सुरक्षित तरीके से मरीज के शरीर पर 5 से 15 मिनट तक रख जाता है, जिसे जमा पोर्स खुल जाते हैं और शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं.
नसों की समस्याओं का समाधानबंबू कपिंग थेरेपी नसों की जकड़न को दूर करने में कारगर है. बंबू कपिंग थेरेपी के माध्यम से वैक्यूम के जरिए त्वचा और टिशु को हल्का खींचा जाता है. यह खिंचाव नसों और आसपास की मांसपेशियों को आराम देने का काम करता है, जिससे नसों पर दबाव कम होता है और इससे नसें लचीली और स्वस्थ हो जाती हैं. दर्द की समस्या कम हो जाती है.
कमर दर्द में राहत अक्सर मांसपेशियों में जकड़न और खराब पोजीशन में बैठने या सोने के कारण कमर दर्द की समस्या हो जाती है. ऐसे में बंबू कपिंग थेरेपी से बांस के कप जब कमर पर रखे जाते हैं तो वैक्यूम के कारण मांसपेशियां खिंचती हैं, जिससे मांसपेशियों में तनाव कम होता है. रक्त का प्रवाह बढ़ाता है और दर्द से निजात मिलती है.
स्लिप डिस्क में राहतअधिक वजन उठाना या अचानक झटका लगने से स्लिप डिस्क की समस्या होती है. ऐसे में बंबू कपिंग थेरेपी से रीढ़ की मांसपेशियों को आराम मिलता है. इससे दर्द से राहत और शरीर की सूजन भी कम होती है.
ब्लड सर्कुलेशन में सुधारबंबू कपिंग थेरेपी के वैक्यूम के जरिए रक्त को खिंचाव के साथ त्वचा के ऊपरी हिस्से में लाता है, जिस कारण खिंचाव के कारण रक्त का सर्कुलेशन तेज हो जाता है. इससे कोशिकाओं तक पोषण और ऑक्सीजन बेहतर तरीके से पहुंचता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है.
यहां फ्री में थेरेपीथेरेपिस्ट अमित ने बताया कि प्रत्येक रविवार को बोकारो के हैप्पी स्ट्रीट कार्यक्रम में निशुल्क बंबू कप थेरेपी ले सकते हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं, रक्त संबंधित बीमारी जैसे हीमोफीलिया और त्वचा संबंधित बीमारी से परेशान लोगों को यह थेरेपी नहीं करानी चाहिए.
FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 10:10 IST
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