सर्दियों में शरीर में जान फूंक देगा ये अनोखा हलवा, राजा महाराजाओं के जमाने से है फेमस, 100% की शुद्धता से होता है तैयार
जयपुर. सर्दियों के सीजन में लोग अपने स्वास्थ्य और खानपान का विशेष ध्यान रखते हैं, जिसमें ज्यादा गर्म चीजों का आनंद लेते हैं, साथ ही लोग अपने खानपान में शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं. लोग अपने स्वास्थ्य के लिए शुद्ध तेल-मसालों का उपयोग करते हैं. सर्दियों के सीजन में लोग ड्राई फ्रूट के लड्डू और हवले का सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं ऐसे ही राजस्थान का प्रसिद्ध तिलकुट्टा हलवा जिसकी सर्दियों के सीजन में सबसे ज्यादा डिमांड रहती है.
पुराने समय में तिलकुट्टा हाथों से पीसकर तैयार किया जाता था लेकिन अब यह अनोखा हलवा मशीनों से तैयार होता है. जयपुर के खादी ग्रामोद्योग में चित्तौड़गढ़ से आए प्रकाश चौधरी बताते हैं कि तिलकुट्टा राजा महाराजाओं के जमाने से बनते आ रहा है यह अनोखा हलवा शरीर के लिए सबसे गुणकारी होता है इसलिए खादी मेले में अब तक लोगों ने लाखों रुपए का हलवा खरीद चुके हैं.
कैसे तैयार होता है तिलकुट्टा हलवाचित्तौड़गढ़ से जयपुर आए प्रकाश चौधरी बताते हैं कि तिलकुट्टा एक ऐसा अनोखा हलवा है जो मशीनों से तैयार होता हैं क्योंकि हाथों से इसकी पिसाई में अधिक समय लगता है. तिलकुट्टा हलवा तिल, देशी गुड़, खोपरा और ड्राई फ्रूट से तैयार होता है. तिलहर से तेल निकालने वाली बड़े आकार की मशीन में सबसे पहले तिल को पिसा जाता है फिर उसमें मिठास के लिए देसी गुड़ मिलाया जाता है और हलवे के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें खोपरे और ड्राई-फ्रूट्स का इस्तेमाल होता है तब जाकर यह अनोखा हलवा तैयार होता है. प्रकार चौधरी बताते हैं यह अनोखा हलवा जयपुर के बाजारों में बहुत कम तैयार होता है इसलिए हम हर साल चित्तौड़गढ़ से जयपुर आते हैं और यहां सर्दियों के सीजन में लगने वाले मेले में इसे तैयार करते हैं जिसे लोग खूब पसंद भी करते हैं और इसे सर्दियों के लिए खरीदते हैं, खादी ग्रामोद्योग मेले में अभी तिलकुट्टे हलवे की कीमत 300 रुपए किलो है.
खादी मेले में मिल रहा 100% शुद्ध तेलखादी ग्रामोद्योग मेले में तिलकुट्टा हलवे के साथ यहां राजस्थान के अलग-अलग जिलों से आए तेल के व्यापारी मेले में पहुंचे हैं. मेले में आए व्यापारी बताते हैं कि लोग मशीन से निकले हुए शुद्ध तेल के लिए भारी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं. यहां मेले में कच्ची घाणी के रूप में तेल निकाला जाता है. जिसमें तिल, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन जैसी तिलहनों से लोगों के सामने तेल निकालते हैं. जो लोगों को रोचक और शुद्ध लगता है. इसलिए यहां आएं लोग तेल को तुरंत खरीद लेते हैं. खादी ग्रामोद्योग मेले में रोजाना लोग सभी दुकानों को मिलाकर लगभग 100 लीटर खरीद रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 12:49 IST