गर्मियों में कुछ ही दिन मिलती है यह जंगली फल, पेट से जुड़ी बीमारियों का है दुश्मन, शरीर को भी रखेगा हाईड्रेट

Last Updated:April 12, 2025, 14:54 IST
Wild Fruit Kikar Health Benefits: स्वाद में खट्टी-मीठी कीकर यानी जंगली जलेबी न सिर्फ बच्चों को पसंद आती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. उदयपुर के आयुर्वेदाचार्य डॉ. शोभालाल का कह…और पढ़ेंX
जंगल जलेबी
हाइलाइट्स
कीकर फल पाचन सुधारता और पेट की समस्याओं में राहत देता है.गर्मियों में कीकर शरीर को ठंडक और हाईड्रेशन प्रदान करता है.आदिवासी महिलाएं कीकर बेचकर 300-500 रुपये प्रतिदिन कमाती हैं.
उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिला के आस-पास के जंगलों में पाया जाने वाला कीकर, जिसे जंगल जलेबी के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों शहर के बाजारों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. यह फल न सिर्फ स्वाद में अनोखा है, बल्कि आदिवासी अंचल की महिलाओं के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया भी बन चुका है. हर साल गर्मी की शुरुआत में यह फल जंगलों में भरपूर मात्रा में फलता है. विशेष रूप से उदयपुर के ग्रामीण और वन क्षेत्रों में यह बड़ी तादाद में पाया जाता है.
आदिवासी महिलाएं इसे जंगल से तोड़कर शहर के मुख्य बाजारों में बेचने के लिए लाती हैं. बाजार में यह कीकर लगभग 100 रूपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है, जिससे महिलाओं को प्रतिदिन 300 से 500 रुपये तक की आय हो जाती है. इससे उनका घरेलू खर्च और बच्चों की पढ़ाई में सहयोग मिल रहा है.
पाचन सुधारने का काम करता है कीकर
महिलाओं का कहना है कि पहले वे केवल जंगलों से लकड़ियां इकट्ठा कर बेचती थीं, लेकिन अब कीकर के चलते उन्हें आय का बेहतर और सुरक्षित जरिया मिल गया है. सुबह तड़के जंगलों में जाती हैं और दोपहर तक फल इकट्ठा कर शहर की ओर रुख करती हैं. शहरवासियों में इस फल को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. स्वाद में खट्टी-मीठी जंगल जलेबी न सिर्फ बच्चों को पसंद आती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. उदयपुर के आयुर्वेदाचार्य डॉ. शोभालाल का कहना है कि कीकर में पाचन सुधारने वाले तत्व मौजूद होते हैं. इसके सेवन से पेट संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है. साथ ही यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और गर्मियों में होने वाली डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करता है.
आदिवासी महिलाओं के लिए बना आय का स्त्रोत
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इस फल को उतना महत्व नहीं दिया जाता, लेकिन शहरी आबादी में इसके स्वाद और औषधीय गुणों को लेकर जागरूकता बढ़ी है. इसके चलते अब यह फल आदिवासी महिलाओं के जीवन को बदलने में सहायक बन रहा है. प्राकृतिक संसाधनों का यह दोहन, यदि संतुलित रूप से किया जाए, तो यह आदिवासी समुदायों के लिए सतत विकास का रास्ता बन सकता है. कीकर इसका एक बेहतरीन उदाहरण बनकर सामने आया है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 12, 2025, 14:54 IST
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औषधीय गुणों से भरपूर है यह जंगली फल, पेट से जुड़ी बीमारियों का है काल
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.