जंगल की ‘शेरनी’ है ये महिला…मगरमच्छ के लिए फ्रेंड, 500 से ज्यादा खतरनाक जानवरों का कर चुकी रेस्क्यू
कोटा राज. दुनिया में आधी आबादी मानी जाने वाली महिलाओं का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है. वह हर फील्ड में अपने आप को मजबूत साबित करने में जुटी हुई हैं. आज हम आपको एक ऐसे महिला के बारे में बताने जा रहे है, जो भारत की पहली एकमात्र क्रोकोडाइल रेस्क्यू एक्सपर्ट महिला हैं. इन्हें हाल में ही राजस्थान का पहला वन दुर्गा अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है. राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व कोटा में पदोन्नति महिला वनकर्मी जिन्होंने अब तक 500 से अधिक जंगली जानवरों का रेस्क्यू किया.
क्रोकोडाइल रेस्क्यू एक्सपर्ट इन महिला का नाम प्रेम कवर शक्तावत हैं, जिन्होंने कोटा राजस्थान ही नहीं विदेश में भी अपनी पहचान बनाई है. प्रेम कंवर शक्तावत ने बताया कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सघन जंगल में वह हिंसक और खतरनाक वन्य जीवों की पेट्रोलिंग करती हैं. वन विभाग में मजबूती से बीते 14 सालों से ड्यूटी कर रही हैं. हिंसक जंगली जानवरों के रेस्क्यू से लेकर मॉनिटरिंग भी बेहतर ढंग से करती है. अब तक 500 से ज्यादा रेस्क्यू किए हैं.
‘वन्यजीव को बचाना सबसे बड़ा कर्तव्य’बड़े-बड़े 15-15 फीट के क्रोकोडाइल को हमने कंट्रोल किया है. उन्हें नदी के किनारे भी छोड़ा है. पैंथर के भी रेस्क्यू किए हैं. चाहे वाइल्डलाइफ का रेस्क्यू हो या फिर पेट्रोलिंग, मुझे किसी भी चीज से डर नहीं लगता. वन या वन्यजीव को बचाना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य होता है. हम उसी की तनख्वाह ले रहे हैं.
अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया से आया था इनविटेशन असिस्टेंट फॉरेस्टर प्रेम कवर शक्तावत ने बताया कि उन्हें अप्रैल 2024 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए क्रोकोडाइल कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया था. इस इवेंट में कई देशों के क्रोकोडाइल स्पेशलिस्ट, साइंटिस्ट, प्रोफेसर, पीएचडी स्टूडेंटस शामिल हुए थे. सभी ने अपने-अपने वर्क एक्सपीरियंस शेयर किया और क्रोकोडाइल से रिलेटेड उनका रहन-सहन बिहेवियर प्रजनन सभी टॉपिक पर चर्चा हुई.
भारत से फॉरेस्ट डिपार्मेंट से एकमात्र मुझे ही चुना गया था. ऑस्ट्रेलिया में पूरा एक महीना रही जहां पर एक हफ्ता कॉन्फ्रेंस और दो हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के नेशनल पार्क में वहां के फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों के साथ क्रोकोडाइल से संबंधित और जानकारी प्राप्त की टूरिज्म से संबंधित जानकारी प्राप्त की.
500 से ज्यादा जीवों का किया रेस्क्यू वर्तमान में प्रेम कंवर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रेंज कोलीपुरा में गिरधरपुरा नाका पर असिस्टेंट फॉरेस्टर के पद कार्यरत हैं. वह साल 2011 में फॉरेस्ट गॉर्ड बनीं थीं. जिसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और 2020 में असिस्टेंट फॉरेस्टर बनीं. वे मूल रूप से मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली के नजदीक स्थित जामुनिया रावजी गांव की हैं. शुरुआती तौर पर वो भैंसरोडगढ़ सेंचुरी में तैनात थीं. यहां जंगल में पेट्रोलिंग का काम किया, फिर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में उनकी तैनाती रही थीं.
अभी तक 500 से ज्यादा रेस्क्यू किए हैं, जिनमें पैंथर, क्रोकोडाइल, हरबिवोरोस जानवर हिरण, शीतल व सांभर के रेस्क्यू भी शामिल है. वहीं, जहरीले व खतरनाक स्नेक और पाइथन के भी हमने कई रेस्क्यू किए हैं. स्कूलों में भी अवेयरनेस कैंप आयोजित किए हैं. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी काफी कैंप आयोजित किए, ताकि लोग वन्य जीवों के बारे में समझ सके व उनका संरक्षण करें.
राजस्थान की पहली वनदुर्गा राजस्थान की पहली महिला है, जिसे यह वन दुर्गा अवार्ड मिला है. यह अवॉर्ड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन और मॉनिटरिंग के अलावा रेस्क्यू को लेकर एशियाई रेंजर फोरम के गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें दिया गया था. यह कॉन्फ्रेंस भी पहली बार भारत में आयोजित हुई थी. इसमें महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उन्हें यह सम्मान सौंपा था.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 14:46 IST