Thousands of people will offer sacrifices in 108 kunds made of cow dung 108 kundiya Gayatri Maha Yagya is being held in Barmer after 27 years

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार व जिला शाखा बाड़मेर की ओर से जिला मुख्यालय के आदर्श स्टेडियम में 22 दिसम्बर से 4 दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ व संस्कार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. सबसे खास बात यह है कि इसमें गोबर से लेप करके आंगन को सजाया गया है और ऊपरी हिस्से में सुंदर बनावट की गई है.
बरसों से किसी भी धार्मिक कार्य की शुरुआत यज्ञ से होती आ रही है. लेकिन बदलते वक्त के साथ यज्ञवेदी में काफी बदलाव आते रहे है. लोहे और धातु की यज्ञवेदी के चलन से ठीक उलट बाड़मेर में होने जा रहे एक आयोजन में बरसों पुरानी यज्ञवेदी पर हजारों जोड़े आहुतियां देते नजर आएंगे. इसके लिए बाकायदा आदिकाल की तरह गाय के गोबर से यज्ञवेदियों को तैयार किया गया है.
27 साल बाद 108 कुंडीय महायज्ञ का हो रहा आयोजनपाकिस्तान की सीमा पर बसे सरहदी बाड़मेर में 27 साल बाद 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. बाड़मेर में सबसे पहले 1986 और फिर 1997 में महायज्ञ किया गया था. आदर्श स्टेडियम में 108 कुंड गणेश भाई विसनगर व जयेश भाई कंसारा के नेतृत्व में तैयार किए जा रहे है. जिसमें गोबर का लेप लगाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि गोबर को पवित्र माना जाता है. इसे घरों को साफ करने, पूजा करने और देवताओं को अर्पित करने में उपयोग किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि इसमें गोबर से लेप करके आंगन को सजाया गया है और ऊपरी हिस्से में सुंदर बनावट की गई है.
पीपल,खेजड़ी की लकड़ी और गाय के गोबर का इस्तेमालइस यज्ञ में गाय का शुद्व घी, पीपल, खेजड़ी की लकड़ी और हिमालय की जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा हवन स्थल को पवित्र करने के लिए गाय के गोबर से लीपा गया है. इसमें सभी धर्मों के जातकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी जाएगी.
4 दिवसीय कार्यक्रम की यह रहेगी रूपरेखा4 दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन 22 दिसम्बर को 2500 से अधिक बालिकाए एव महिलाएं कलश यात्रा निकालेगी. इसके बाद अगले दिन प्रज्ञा योग,ध्यान साधना होगी. वही सुबह 8.30 बजे से शाम 6 बजे तक यज्ञ में आहुतियां दी जाएगी. 24 दिसम्बर को प्रज्ञा योगा,ध्यान साधना, हवन के बाद शाम 6 बजे दीप यज्ञ का आयोजन किया जाएगा. वही शाम को कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय के ड़ॉ चिन्मय पंड्या का विशेष उदबोधन होगा. इसके साथ ही अंतिम दिन गायत्री महायज्ञ पूर्णाहुति व देव वित्सर्जन होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 11:20 IST