Rajasthan

Threat Of Third Wave – Demand Of Parents, The Government Should Recons – तीसरी लहर का खतरा -अभिभावकों की मांग स्कूल खोलने पर पुन: विचार करे सरकार

75 फीसदी से अधिक अभिभावकों ने कहा
बिना वेक्सीनेशन नही भेजेंगे बच्चों को स्कूल

जयपुर, 25 अगस्त
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच 1 सितंबर से राज्य में स्कूल खोलने के निर्णय का अभिभावक लगातार विरोध कर रहे हैं। संयुक्त अभिभावक संघ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से स्कूल खोले जाने के निर्णय पर फिर से विचार करने की मांग की है। साथ ही संघ ने दावा किया है कि 75 फीसदी से अधिक अभिभावक बिना वैक्सीनेशन बच्चों को स्कून भेजना ही नहीं चाहते हैं।
तुगलकी फरमान किया जारी
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल निजी स्कूलों के दबाव में आकर एकतरफा निर्णय लेकर अभिभावकों पर तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। यह आदेश केवल निजी स्कूलों को संरक्षण देने के उद्देश्य लिया गया निर्णय है जिससे निजी स्कूल संचालक मनमाने तरीके से अभिभावकों पर अनैतिक दबाव बनाकर फीस वसूल सके और अभिभावकों को प्रताडि़त व अपमानित कर सकें।

अभिभावकों से नहीं किया विचार विमर्श
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा ही सेवा है के स्तर को गिराकर शिक्षा ही व्यवसाय है के मार्ग को बनाया जा रहा है। खुद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर रहे हैं, खुद मुख्यमंत्री आवास से बाहर नहीं निकल रहे हैं उसके बावजूद बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाना कहां तक जायज है। स्कूल खोलने के निर्णय पर अभिभावकों से कोई विचार.विमर्श तक नहीं किया गया। जिन लोगों के बच्चों को पढऩा है जिन लोगों को फीस चुकानी है उनकी तो राज्य सरकार सुन ही नहीं रही है और जिन लोगों को मनमर्जी करनी है, मनमाने तरीके से फीस वसूली है उनको राज्य सरकार सर आंखों पर बिठा रही है।

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सुरक्षा की गारंटी ले सरकार
वहीं संघ के प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि अभिभावक भी चाहता है अब स्कूल खुल जाने चाहिए, बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होना चाहिए लेकिन अभिभावकों की मांग है कि स्कूल खुलने के साथ साथ राज्य सरकार और स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की गांरटी और जिम्मेदारी ले। अभिभावक वर्तमान समय मे बहुत ही विकट दौर से गुजर रहा है काम धंधों और रोजगार के अभाव से पीडि़त है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को पहल करते हुए उन्हें संबल प्रदान करना चाहिए।

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