Rajasthan
आज ही के दिन रानी पद्मावती के लिए चितौड़ दुर्ग पर कब्जा किया था ख़िलज़ी ने

गोमुख के उतर वाले मैदान में एक विशाल चिता का निर्माण किया गया. पद्मावती के नेतृत्व में 16000 राजपूत रमणियों ने गोमुख में स्नान कर अपने संबंधियों को अंतिम प्रणाम कर जौहर चिता में प्रवेश किया. 06 माह और 07 दिन के खूनी संघर्ष से मिली विजय के बाद ख़िलज़ी ने चित्तौड़ दुर्ग में प्रवेश किया लेकिन उसे एक भी पुरुष, स्त्री या बालक जीवित नहीं मिला जो यह बता सके कि आखिर विजय किसकी हुई, जो उसकी अधीनता स्वीकार कर सकें. उसके स्वागत के लिए बची तो सिर्फ जौहर की प्रज्वलित ज्वाला और क्षत-विक्षत लाशें और उन पर मंडराते गिद्ध और कौवे.