One Ward Complete Work And 30 Ward Work In Progress – एक वार्ड में काम पूरा…30 में चल रहा, बाकी का विकास कागजों में उलझा

इसमें कोई कैरीकेचर बनवाया जा सकता है———
स्लग—ग्रेटर नगर निगम के विकास कार्यों की जमीनी पड़ताल
-जनता को सड़कों से लेकर पार्कों के सही होने का इंजतार
-उप महापौर सहित एक अन्य पार्षद ने निगम को अभिशंषा पत्र ही नहीं भेजा

अश्विनी भदौरिया
जयपुर। ग्रेटर नगर निगम के वार्डों में विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है। 150 वार्ड वाले ग्रेटर निगम में सिर्फ 30 वार्ड ही ऐसे हैं, जिनमें विकास कार्य शुरू हो पाए हैं। वार्ड—72 इकलौता वार्ड हैं, जिसमें सिविल वर्क के काम हो चुके हैं। बाकी 119 वार्डों में तो विकास कागजी प्रक्रिया से उलझकर दम तोड़ता नजर आ रहा है।
इन वार्डों में रि-टेंडर से लेकर कार्यादेश जारी और कार्यादेश दिया जाना शेष जैसी बातें सामने आईं। वहीं, एक भी पार्क का काम अब तक निगम की ओर से शुरू नहीं किया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि उप-महापौर पुनीत कर्णावट और निर्दलीय पार्षद विकास बारेठ ने तो अब तक निगम को वो अभिशंषा पत्र ही बनाकर नहीं भेजा है, जिसके आधार पर उनके वार्ड में काम होंगे। इतना ही नहीं, पार्षदों के कार्यालय भी कागजी प्रक्रिया में उलझकर रह गए हैं।
दरअसल, बोर्ड बनने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के पार्षद विकास कार्य न होने की वजह से निगम मुख्यालय में आकर धरना तक दे चुके हैं। कार्यवाहक महापौर शील धाभाई से लेकर आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव तक को ज्ञापन भी दे चुके हैं।
एक वार्ड के लिए 55 लाख
कार्यकारिणी समिति की पहली बैठक में 50 लाख रुपए सिविल वर्क के लिए और पांच लाख रुपए पार्कों के विकास कार्यों के लिए निर्धारित किए गए। लम्बे समय तक विकास कार्य न होने की वजह से पार्षद नाराज रहे। अभी तक वार्ड—72 ही ऐसा है, जिसमें जिसमें 50 लाख रुपए के विकास कार्य हो चुके हैं।
खास-खास
-75 करोड़ रुपए निगम खर्च करेगा सिविल वर्क में
-7.5 करोड़ रुपए पार्कों के संधारण के लिए किए हैं निर्धारित
सबसे ज्यादा
-184 स्ट्रीट लाइटें और 10 हाइमास्ट लाइटें लगी हैं पार्षद दिनेश कांवट के वार्ड-26 में
-200 ट्री गार्ड लगवाए हैं पार्षद महेंद्र पाल सिंह ने अपने वार्ड 144 में
-800 पौधे लगवाए हैं पार्षद महेश अग्रवाल ने वार्ड-06 में
—7500 से अधिक पौधे लगे हैं मालवीय नगर जोन के वार्डों में
सभी वार्डों को मिली हाथ गाड़ी
सड़क किनारे कचरा भरने में आ रही दिक्कत को देखते हुए दो—दो हाथी गाड़ी हर वार्ड को निगम ने उपलब्ध करवाई हैं। वहीं, 90 फीसदी वार्डों में पार्षदों के नाम के बोर्ड भी लग चुके हैं। चार बोर्ड लगाने की अनुमति निगम की ओर से दी गई है। लेकिन पार्षद जन सुविधा के बोर्ड पर भी अपना नाम चस्पा कर रहे हैं।