कोटा के दो युवा ने बनाया क्वर्की स्मार्ट बोट, कंप्यूटर साइंस और रोबोटिक स्टूडेंट के लिए होगा मददगार

कोटा राज: कोटा के दो युवा आर्यन सिंह और ऋषि राज सिंह ने एक ऐसा स्मार्ट बोट तैयार किया है, जो की कई प्रकार के क्षेत्र में काम करेगा. क्वर्की नाम से बनाया स्मार्ट बोट जो कंप्यूटर साइंस ओर रोबोटिक के स्टूडेंट की लर्निंग के लिए काफी मददगार होगा. कोटा के युवा आर्यन सिंह और उनके साथी ऋषिराज सिंह ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है जो की स्टूडेंट के लिए काफी मददगार होगा. क्वर्की स्मार्ट बोट इसे बच्चे पढ़ाई में और बड़े असिस्टेंट के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं. यह डिवाइस इंसान से बात कर सकता है. यह आईआर टेक्नोलॉजी पर वर्क करता है. इस डिवाइस को बनाने में खर्च मात्र 5000 से लेकर ₹15000 तक का खर्च आया है. क्वर्की स्मार्ट बोट इंसान का फेस रीडिंग कर सकता है और उसके हाव-भाव भी बता सकता है.
आर्यन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि क्वार्की एक कॉम्पैक्ट और शक्तिशाली डिवाइस है. जिसे उन्नत तकनीकी प्रोजेक्ट बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. दो स्पर्शनीय स्विच, पांच कैपेसिटिव टच सेंसर और दो इन्फ्रारेड सेंसर से लैस, यह सटीक नियंत्रण और इंटरैक्शन प्रदान करता है. डिवाइस में कस्टम एनिमेशन के लिए एक जीवंत 35-एलईडी मैट्रिक्स, एक उच्च-गुणवत्ता वाला स्पीकर भी है, और यह वाई-फाई और ब्लूटूथ दोनों का समर्थन करता है. रिवर्स पोलरिटी और ओवरवोल्टेज जैसी अंतर्निहित सुरक्षा के साथ, क्वार्की रोबोटिक्स और IoT में सुरक्षित, अभिनव परियोजनाओं के लिए एकदम सही है.
कैसे बनाया गयाऋषिराज सिंह ने लोकल18 को बताया कि क्वार्की को उन्नत तकनीकी परियोजनाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसे अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सेंसर तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें कैपेसिटिव टच सेंसर, इन्फ्रारेड सेंसर, और प्रोग्रामेबल RGB LED जैसे घटक शामिल हैं. इसके निर्माण में सर्किट डिज़ाइन, माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामिंग, और 3D प्रिंटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है.
कैसे काम करता हैआर्यन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि क्वार्की विभिन्न सेंसरों और स्विचों के माध्यम से उपयोगकर्ता से इनपुट प्राप्त करता है. और डेटा को प्रोसेस कर आवश्यक आउटपुट प्रदान करता है. वाई-फाई और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरणों से जोड़ने की क्षमता देती है. इसके 35-LED मैट्रिक्स और हाई-क्वालिटी स्पीकर के माध्यम से यह प्रोग्रामेबल रोशनी और ध्वनि उत्पन्न कर सकता है.
कितनी लागत आईऋषि राज सिंह ने लोकल 18 को बताया कि इस डिवाइस को बनाने की लागत कई घटकों पर निर्भर करती है, लेकिन अनुमानित तौर पर 5,000 से 15,000 रुपये के बीच आती है. इसमें सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर, LED मैट्रिक्स, कनेक्टिविटी मॉड्यूल और अन्य हार्डवेयर शामिल हैं.
भविष्य में युवा वर्ग के लिए क्या संभावनाएं हैंआर्यन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि क्वांटम जैसे उपकरणों के साथ, युवा वर्ग के पास तकनीकी क्षेत्र में नवाचार करने और रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और IoT परियोजनाओं में खुद को स्थापित करने के असाधारण अवसर होंगे. इससे छात्रों और युवा इनोवेटर्स को अपने विचारों को हकीकत में बदलने और नए आविष्कार करने का प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भविष्य में उनके लिए रोजगार और स्टार्टअप के अवसर खुलेंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 13:19 IST