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UAPA ट्रिब्यूनल का बड़ा फैसला, जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी पर लगाया बैन | Big decision of UAPA Tribunal ban on Jammu and Kashmir Democratic Freedom Party

जेकेडीएफपी को माना गैरकानूनी संघ जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सचिन दत्ता शामिल हैं, जो यह तय करेंगे कि जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं। भारत सरकार ने अक्टूबर 2023 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत ‘जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी’ (जेकेडीएफपी) को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया था।

इस संबंध में जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि, यह संगठन वर्ष 1998 से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है और इसके सदस्यों ने हमेशा भारत में अलगाववाद और आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दिया है। इस संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर कश्मीर को एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। इस संगठन के खिलाफ यूएपीए 1967, आईपीसी 1860, आर्म्स एक्ट 1959 और रणबीर दंड संहिता 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

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