arrangements of SMS Hospital, the CM is not ashamed, women are also | SMS अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाओं से सीएम साहब को नहीं,बल्कि हर रोज कई महिलाओं को भी आती हैं शर्म
लेकिन प्रदेश के सीएम ही नहीं बल्कि अस्पताल में आने वाली महिलाओं तक को यहां की बिगड़ी व्यवस्थाओं के कारण रोज शर्म आ रही हैं।
अस्पताल की सफाई ही नहीं बल्कि मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं भी बदहाल हैं। अस्पताल के अलग अलग वार्डों में जाकर देखा जाए तो यहां पर महिलाओं के टॉयलेट के गेट टूटे हुए है, तो कहीं पर टॉयलेट की सीट टूटी हुई हैं।
यहां आने वाले पुरुष मरीज ही नहीं बल्कि महिलाओं को दी जाने आवश्यक सुविधाओं की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं हैं। हालात यह है कि जगह-जगह गंदगी ने तो अस्पताल के भवन की व्यवस्थाओं को तो बिगाड़ ही रखा हैं।
लेकिन जर्जर हालात में इलेक्ट्रोनिक स्वीच बोर्ड,टॉयलेटस,जगह जगह दिवारों में टूट फूट,उखड़ी दीवारें और स्वीच बोर्ड भी अस्पताल की उखड़ी हुए व्यवस्थाओं पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से की जा रही अनदेखी पर सवाल उठा रही हैं। भवनों के जर्जर हालात सिर्फ SMS ही नहीं बल्कि ट्रोमा सेंटर में भी हैं।
वहीं अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ अस्पताल प्रशासन ही नहीं बल्कि अस्पताल में आने वाला मरीज व परिजन भी इस तरह की अव्यवस्थाओं को फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। यहां आने वाले लोग सुविधाओं के उपयोग के बाद उन्हें तोड़ देते है,जगह-जगह गंदगी फैलाते हैं। इतने बड़े अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों को इसे स्वयं का अस्पताल समझ कर जिम्मेदारी लेनी होगी।
सीएम ने जताई थी चिंता
राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने अपने आवास पर गुरुवार को राज्य में क्रियाशील एवं नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की थी। इस दौरान सीएम ने सरकारी अस्पतालों में गंदगी और जर्जर अस्पताल भवनों को लेकर पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव और जिम्मेदार अफसरों को एक महीने में सर्वे करने के आदेश दिए हैं। जिससे व्यवस्थओं को सुधार जा सकें।



