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कृष्ण शेखावत.
झुंझुनूं. आपने बैंकों के बारे में बहुत कुछ सुना होगा. लेकिन हम आपको आज एक ऐसे बैंक की तीन अनोखी शाखाओं (Unique Banks) के बारे में बताने जा रहे हैं जहां केवल महिलाओं का ही राज (Women Dominance) है. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Baroda Rajasthan Kshetriya Gramin Bank) यानी बीआरकेजीबी (BRKGB) की झुंझुनूं जिले (Jhunjhunu District) की तीन शाखाओं को केवल महिला स्टाफ ही संचालित कर रही हैं. बड़ी बात यह है कि ये शाखायें काफी बेहतर बिजनेस कर रही हैं. बैंक में एक भी खाता एनपीए (NPA) नहीं है. इसकी बदौलत ये बैंक न केवल फेमस हो रहे हैं बल्कि इन बैंकों के स्टाफ को इन गांवों के लोग बेटियों का दर्जा देते हैं. इन बैंकों में आने वाली महिलाओं का कहना है कि यहां आकर उन्हें बैंक जैसा नहीं बल्कि घर जैसा महसूस होता है.
बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने पिछले वर्ष नवाचार करते हुए 18 मार्च से जिले की 3 शाखाओं बख्तावरपुरा, पातुसरी और कारी में सभी पदों पर केवल महिलाओं को पदस्थापित कर यहां महिला शाखा की स्थापना की थी. ऐसा करने वाला यह राजस्थान में पहला बैंक है. इन शाखाओं की ग्राहक भी केवल महिलायें ही हैं. यानी महिलायें ही बैंक संचालित हैं और ग्राहक भी केवल महिलायें हैं.
ग्रामीण महिलाएं वित्तीय प्रबंधन में काफी होशियार होती हैं
बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेश शर्मा महिला शाखा की स्थापना का उद्देश्य बताते हुए कहते हैं कि “ग्रामीण महिलाएं वित्तीय प्रबंधन में काफी होशियार होती हैं. इसी को बढ़ावा देने के लिए जिले में महिला शाखाओं की शुरुआत की गई है ताकि ग्रामीण महिलाएं बैंक आने में संकोच नहीं करें और बैंकिंग से जुड़ें”. खास बात यह है कि इन तीनों बैंकों ने अच्छा व्यवसाय कर आस-पास की कई शाखाओं को मात दे दी है.
तीनों शाखाओं का यह रहा बिजनेस
बख्तावरपुरा शाखा ने जहां 5949 ग्राहकों के साथ 56.7 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है. वहीं पातुसरी महिला शाखा ने 4716 ग्राहकों के साथ 26.25 करोड़ रुपये और कारी शाखा ने 4220 ग्राहकों के साथ 33.07 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है. इन सभी शाखाओं का एनपीए शून्य है. इन बैंकों की महिला कर्मचारी और अधिकारी गांव की महिलाओं को समय पर ऋण चुकता करने के निर्देश देती रहती हैं.
ग्राहक स्टाफ को बेटियों की तरह ही मानते हैं
बीआरकेजीबी की पातुसरी शाखा की प्रबंधक नीतू बताती हैं कि बैंक शाखा के उद्घाटन के वक्त भी यहां पर भारी संख्या में ग्रामीणों ने मौजूद रहते हुए इस पहल का स्वागत किया था. वहीं बख्तावरपुरा शाखा की प्रबंधक पल्लवी के मुताबिक शाखा के ग्राहक उन्हें बेटियों की तरह ही मानते हैं. उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देते. अपने अनुभव साझा करते हुए कारी शाखा की प्रबंधक सुभिता बुगालिया बताती हैं कि यहां पुरुष और महिला दोनों ग्राहक आते हैं. पुरुष ग्राहकों द्वारा भी बहुत सहयोग और सराहना मिलती है.
बैंक यह अनूठा कदम भी उठा चुका है
कारी गांव के पूर्व सरपंच और बीआरकेजीबी के ग्राहक धर्मवीर माठ बताते हैं कि सभी ग्रामीण बीआरकेजीबी की इस पहल से बहुत खुश हैं. महिला स्टाफ के आत्मीय और सहयोगपूर्ण व्यवहार से हजारों की संख्या में ग्राहक इन शाखाओं से जुड़े हैं. बीआरकेजीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेश शर्मा ने बताया कि महिला दिवस पर महिलाओं में भारतीय संस्कृति और संस्कारों को मजबूत बनाने और पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से बैंक की ओर से अपने सास-ससुर और वरिष्ठ नागरिकों की सेवा करने वाली महिला ग्राहकों को सम्मानित भी किया गया था.
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