Unique tradition of bhang thandai in brij children to elders taste
रिपोर्ट: ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. होली (Holi) की तैयारियां जोरो-शोरों पर है. रंगों से सजे इस त्यौहार में बनने वाले पकवान हर किसी के जीवन में मीठास घोल जाते है. फिर चाहे बात, गुझिया, दही भल्ले, नमकीन के साथ होली की खास ‘ठंडाई’ की ही क्यों न हो. ठंडाई को होली के दिन अधिकतर घरों में बनाया जाता है. ज्यादातर लोग होली के मौके पर मेहमानों का स्वागत (Wellcome) ठंडाई से ही करते हैं. रंगों और पकवानों से भरी होली में ठंडाई पीने का अलग ही मजा है.
अगर बात राजस्थान में स्थित भरतपुर (Bharatpur) की करे तो यंहा इस पर्व पर भांग की ठंडाई( Bhang Thandai) बनाई जाती है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस ठंडाई का स्वाद चख कर होली के रंग में रंगे हुए नजर आते है. जानकारी के मुताबिक द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने भांग की ठंडाई पीकर राधा संग होली खेली थी. यह परंपरा उस समय से ही चली आ रही है. भरतपुर का अधिकांश भाग बृज अंचल में होने के कारण यंहा भी भांग की ठंडाई मेहमानों को पिलाई जाती है.
बृज में भांग की ठंडाई की अनूठी परंपरा
राधाकांत शास्त्री (Radhakant Shastri) के मुताबिक बृज अंचल की होली देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. इस पर्व में अभी एक सप्ताह का समय बाकी है.लेकिन बृज अंचल में इसकी शुरुआत हो चुकी है. विभिन्न मंदिरों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं के द्वारा होली महोत्सव के आयोजन किए जा रहे है. वही इस पर्व पर बृज में भांग की ठंडाई की अनूठी परंपरा है. यहां बृजवासी भांग की ठंडाई पीकर ही होली खेलते है. उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने होली के दिन भांग की ठंडाई पीकर राधा रानी (Radha Rani) के संग जमकर होली खेली थी. उस समय से ही ब्रज वासियों के लिए भाग की ठंडाई पीकर होली खेलने की परंपरा बन चुकी है.
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Tags: Bharatpur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : February 28, 2023, 12:16 IST