अनूठी परम्परा; दीपावली के अगले दिन इस शहर की महिलाएं सुबह 5 बजे बजाती हैं थाली, लक्ष्मीजी का करती हैं स्वागत

बीकानेर. बीकानेर अपनी परम्परा और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां दीपावली पर कई अनूठी परंपरा है जिसका शहरवासी आज भी पूरी तरह से निर्वहन कर रहे है. ऐसी ही एक अनूठी परम्परा है जहां सुबह 4 से 5 बजे महिलाएं थाली बजाकर लक्ष्मीजी का स्वागत करती है. सुनने में भले ही अजीब लगेगा. यह सच है कि बीकानेर में जहां दीपावली के दिन लक्ष्मी जी का पूजन करने के बाद पटाखे छोड़ते है. उसके बाद अगले दिन अलसुबह घरों से अलक्ष्मी को निष्कासित करने और लक्ष्मी आगमन के लिए एक विशेष परंपरा का निर्वहन होता है. जिसका महिलाएं श्रद्धापूर्वक निर्वहन करती हैं. इसमें पारंपरिक रूप से छाजले को कूटने और थाली बजाने की रस्म का निर्वहन होता है.
परम्परा का निर्वहन कर रहे ब्रजेश्वर लाल व्यास ने बताया कि इस परंपरा का शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है. निर्णय सिन्धु -द्वितीय परिच्छेद में अलक्ष्मी नि:सारण के लिए महिलाओं की ओर से निभाई जाने वाली इस परंपरा का उल्लेख मिलता है. शास्त्र वचनों के आधार पर यह कार्य महिलाओं की ओर से घरों से अलक्ष्मी के निस्तारण व लक्ष्मी के आगमन के भाव से किया जाता है.
वे बताते है कि दीपावली के अगले दिन सुबह जब घर के सदस्य नींद में सो रहे होते हैं, उस समय पहले घर में झाडू लगाकर कचरे को छाजले में एकत्र किया जाता है. इस कचरे को घर से बाहर किसी चौराहे पर अथवा मुख्य मार्ग पर डाल दिया जाता है. वापस आने पर घर के मुख्य द्वार के पास से थाली बजाते हुए घर के आंगन तक पहुंचती हैं. लक्ष्मी आगमन के लिए प्रसन्नता व्यक्त की जाती है. छाजले को लकड़ी से कूटा जाता है.
FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 14:25 IST