After sterilization, the matter worsened on having the third child. | नसबंदी के बाद जब तीसरी संतान हुई तो बिगड़ा मामला…
एक शिक्षक को नसबंदी ऑपरेशन करवाने के बाद हुई सन्तान का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
जयपुर
Published: July 13, 2022 09:50:12 am
जयपुर। एक शिक्षक को नसबंदी ऑपरेशन करवाने के बाद हुई सन्तान का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसके चलते शिक्षक को शिक्षा विभाग की ओर से सेवा परिलाभ से वंचित किये जाने का मामला सामने आया है। यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा है। राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक, कोटा मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक सहित बून्दी के जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है ।
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश दिए है। यह अंतरिम आदेश बून्दी जिले के नैनवा निवासी शिक्षक शंकर लाल मीणा की याचिका पर दिए गए है। शिक्षक द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए ।
पीड़ित शिक्षक शंकर लाल मीणा ने याचिका में बताया गया है कि वर्ष 2013 में याचिकाकर्ता की नियुक्ति द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद पर हुई थी तथा दूसरी सन्तान के होने के बाद उसकी पत्नी ने 18 फरवरी 2017 को नसबंदी ऑपरेशन करवा लिया था। किंतु इसके बाद 11 अप्रैल 2018 को उसके तीसरी सन्तान का जन्म हुआ। तीसरी संतान के जन्म होने के कारण शिक्षा विभाग उसे प्रथम एसीपी के लाभ से वंचित कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में चुनोती दी गई है। अदालत ने सुनवाई के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी जारी किया है। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है ।

नसबंदी के बाद जब तीसरी संतान हुई तो बिगड़ा मामला…
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