US Speaker Nancy Pelosi visit to taiwan historic manish tewari gave this suggestion to Lok Sabha Speaker Om Birla | लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी सांसदों की टीम के साथ जाएं ताइवान, अमरीकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा से खुश मनीष तिवारी का सुझाव

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सुझाव देते हुए कहा कि स्पीकर को भी एक संसदीय प्रतिनिधि मंडल के साथ ताइवान जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने अमरीकी संसद को सरकार की एक निरुपित शाखा बताया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसका मतलब है कि संसदीय दल की यात्रा पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहता है।

सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन
सांसद मनीष तिवारी ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि यह केवल स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का मसला नहीं है, बल्कि इसके कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र गर्म हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अमरीका के तीन वाहक विमान युद्धपोत-यूएसएस रोनाल्ड रीगन, यूएसएस त्रिपोली और यूएसएस ताइवान के आस-पास के क्षेत्र में तैनात हैं, जो 1995 के बाद अमरीका का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है।
It is not only @SpeakerPelosi but 03 US carrier battle groups namely aircraft carrier’s USS Ronald Reagan, USS Tripoli & USS America also in vicinity of Taiwan.Most serious power projection by US since 1995 when US carriers sailed thru Taiwan Straits.
Indo-Pacific heating up. pic.twitter.com/unq3rWs59v— Manish Tewari (@ManishTewari) August 3, 2022
ताइवान पर चीन ने लगाया व्यापार में रोक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमरीकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की इस यात्रा के बाद चीन ने एक बार फिर ताइवान को अपना हिस्सा बताते हुए ‘वन चायना’ पॉलिसी का जिक्र किया है। इसके बाद ही चीन ने ताइवान पर नेचुरल सैंड यानी बालू के निर्यात सहित कई ई आर्थिक पाबंदियां लगा दी है।
अमरीका और चीन के बीच क्यों बढ़ रही है तनातनी?
दरअसल चीन वन चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है। वहीं दूसरी ओर ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। चीन ताइवान को झुका कर अपने कब्जे को मनवाना चाहता है। इधर, अमरीका वन चाइना पॉलिसी को तो मानता है, लेकिन ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं मानता है। अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन इस यात्रा से लगभग 2 महीना पहले कह चुके हैं कि हमने वन चाइना पॉलिसी को साइन किया, लेकिन चीन बल के प्रयोग से ताइवान पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि चीन का ताइवान को लेकर यह कदम एक तरह की नई जंग शुरू कर देगा।
चीन की धमकी से डरे बिना पहुंचीं नैंसी पेलोसी , ताइवानी जनता को दिया यह संदेश