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Valentine’s Day Special: 388 साल पुरानी वो लव स्टोरी, जिसमें ताजमहल की तरह लकड़हारे प्रेमी ने अपनी रईस प्रेमिका के लिए बनवाया था मकबरा

Agency: Haryana

Last Updated:February 14, 2025, 11:45 IST

Valentine’s Day Special: हरियाणा के झज्जर में बुआ और हसन की प्रेम कहानी ताजमहल की याद दिलाती है। बुआ ने हसन की याद में मकबरा बनवाया, जहां दोनों की कब्रें साथ हैं। ये प्रेम और समर्पण का प्रतीक है.388 साल पुरानी लव स्टोरीः ताजमहल की तरह प्रेमिका के लिए बनवाया था मकबरा

वेलेनटाइन डे पर हरियाण के हसन और बुआ की प्रेम कहानी.

हाइलाइट्स

झज्जर में बुआ-हसन की प्रेम कहानी ताजमहल की याद दिलाती है.बुआ ने हसन की याद में मकबरा बनवाया, जहां दोनों की कब्रें साथ हैं.मकबरे की देखभाल पुरातत्व विभाग करता है, पर जीर्ण-शीर्ण हो रहा है.

झज्जर. उत्तर प्रदेश के आगड़ा में शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया, ये तो जगजाहिर है. लेकिन हरियाणा के झज्जर की धरती पर एक ऐसी प्रेम कहानी दफ़्न है जो ताजमहल की याद दिलाती है. यहां एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी की याद में ताजमहल जैसा ही मकबरा बनवाया, जहां दोनों की कब्रें साथ-साथ हैं. 388 साल पहले की बात है, झज्जर से सिलानी के बीच मुस्तफा की बेटी बुआ और लकड़हारा हसन एक-दूसरे से प्यार करने लगे. लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. वेलेंटाइन-डे पर आपके लिए ये स्पेशल स्टोरी हम लाए हैं.

साल 1635 की एक शाम, 16 साल की बुआ जब अपने घोड़े पर सवार होकर घर से निकली, तभी एक शेर ने उन पर हमला कर दिया. तभी हसन ने साहस दिखाते हुए शेर को मार गिराया और घायल बुआ को तालाब के पास ले गया. यहीं से दोनों के बीच प्रेम पनपा था. कहते हैं कि बाद में हसन, बुआ को उनके घर ले गया. मुस्तफा ने हसन का आभार माना और उसे रुकने को कहा. हसन के परिवार ने उसकी इस बहादुरी के लिए बुआ का हाथ मांगा. सहमति के बाद दोनों उस तालाब पर मिलने लगे.


झज्जर से सिलानी के बीच मुस्तफा की बेटी बुआ और लकड़हारा हसन की यह कहानी है.

एक दिन मुस्तफा ने हसन को राजा की सेना में भर्ती करा दिया. युद्ध में हसन की मौत हो गई. बुआ सदमे में आ गई. उसने हसन को उसी तालाब के पास दफ़नाया और उसकी याद में एक मकबरा बनवाया. हर चांदनी रात, बुआ वहां जाकर आंसू बहाती थी और फिर 2 साल बाद उसने भी दम तोड़ दिया था. बाद में बुआ को भी हसन की कब्र के पास ही दफ़ना दिया गया था.


बुआ को भी हसन की कब्र के पास ही दफ़ना दिया गया था.

ऐसे में वेलेन्टाइन डे पर आज बुआ और हसन की कब्र प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. कहते हैं यहां आने से मन को सुकून मिलता है. यहां आने वाले प्रेमी जोड़े अपनी प्रेम कहानी की कामयाबी की दुआ मांगते हैं. दोनों की कब्रें साथ-साथ इस मकबरे की खूबसूरती को और बढ़ाती हैं. मकबरे की देखभाल पुरातत्व विभाग करता है. लेकिन समय के साथ ये जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. इसे ताजमहल की तरह संरक्षित करने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ियां बुआ-हसन के अमर प्रेम से रूबरू हो सकें.


Location :

Jhajjar,Haryana

First Published :

February 14, 2025, 11:41 IST

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388 साल पुरानी लव स्टोरीः ताजमहल की तरह प्रेमिका के लिए बनवाया था मकबरा

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