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Varuthini Ekadashi tomorrow, know the auspicious time and method of worship – हिंदी

सोनाली भाटी/ जालौरः- हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 और हर महीने में 2 एकादशी तिथि पड़ती है. जिसमें एक एकादशी तिथि कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में पड़ती है. इन्हीं एकादशी में एक एकादशी वरुथिनी एकादशी भी है, जो शनिवार 4 मई के दिन पड़ रही है. अगर आप भी वरुथिनी एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं, तो आपको पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि और व्रत पारण के समय के बारे में जान लेना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य भानु प्रकाश दवे ने इस एकादशी को लेकर लोकल18 को खास जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 3 मई को रात 11 बजकर 24 मिनट से होगी, जिसका समापन अगले दिन 4 मई को 8 बजकर 38 मिनट पर होगा. ऐसे में शनिवार 4 मई के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वहीं इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सुबह 7 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. इस दौरान पूजा करना काफी शुभ माना जाएगा, जिससे पुण्य-लाभ की प्राप्ति होगी.

वरुथिनी एकादशी 2024 की पूजा विधि• सुबह पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले उठकर स्नान आदि करें।• इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें।• अब भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर वरुथिनी एकादशी के व्रत का संकल्प लें।• इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके इसे गंगाजल से शुद्ध करें।• विष्णु जी के समीप मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।• अब भगवान विष्णु को पीले रंग का पुष्प, फल, पान, सुपारी, जनेऊ, हल्दी, अक्षत आदि चीजें अर्पित करें।• पूजा के आखिर में विष्णु जी की आरती कर सुख, समृद्धि की कामना करें।

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वरुथिनी एकादशी व्रत पारण का समयपंडित भानु प्रकाश ने Local18 को आगे बताया कि शनिवार 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत करने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि, रविवार 5 मई को सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद पारण किया जा सकता है. इसके लिए 5 मई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से सुबह ही 08 बजकर 17 मिनट के बीच पारण कर सकते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Ekadashi, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 12:23 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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