14 हजार चांदी के सिक्कों को पिघलाकर, बनाये गए दुनिया के सबसे बड़े चांदी के कलश

अंकित राजपूत/जयपुर. देश और दुनिया भर से लाखों लोग राजस्थान की खूबसूरती और यहां के इतिहास को समझने और इतिहास से जुड़ी हुई वस्तुओं को देखने आते हैं. राजस्थान का इतिहास और उससे जुड़ी हुई चीजें अपनी एक अलग ही पहचान रखती है ऐसा ही राजस्थान का जयपुर शहर जहां के राजाओं के द्वारा जयपुर को हमेशा के लिए इतिहास में अमर कर दिया है, यहां इतिहास से जुड़ी हुई हर चीज रोचक है.
जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित चांदी के कलश जो दुनिया के सबसे बड़े चांदी के बर्तन है. जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इन चांदी के कलशों का निर्माण 1894 में करवाया गया था. इन्हें बनाने में दो साल का समय लगा थ. फिर 1902 में यह चांदी के कलश दुनिया के सामने आये इन कलशों को गंगाजली कलश भी कहा जाता हैं. इन कलशों को गंगाजल से भर कर इंग्लैंड भेजा गया था.
इस लिए बनवाया गया थे यह नायाब कलश
ये नायाब चांदी के कलश जयपुर के सिटी पैलेस के दीवान-ए- खास में सम्भालकर रखे गये हैं. यह कलश कला के बेहतरीन नमूने हैं. यह कलश महाराज सवाई माधो सिंह द्वितीय ने बनवाएं थे. 1902 में इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया की मृत्यु के बाद एडवर्ड के राजतिलक समारोह में देश दुनिया के राजा महाराजाओं को आमंत्रित किया गया था. इसी समारोह में गंगाजल भरकर सवाई माधो सिंह द्वितीय जहाज में रखकर इंग्लैंड ले गये थे.
यह है विशाल चांदी के कलशों का आकार
यह चांदी के कलश इतने विशालकाय है कि इनका आकार ही इनकी पहचान है. दुनिया के इन सबसे बड़े कलश की ऊंचाई 5 फ़ीट 3 इंच और गोलाई 14 फ़ीट 10 इंच है. इस चांदी के कलश का वजन 345 किलोग्राम है. इस कलश में 4000 लीटर के करीब पानी रखा जा सकता है. इन कलशों के इतने विशालकाय होने की वजह से इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. शाही खज़ाने से तकरीबन 14000 चांदी के सिक्कों को पिघलाकर इन्हें बनवाया गया था. इन भारी-भरकम पात्रों को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 16:59 IST