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Warning from NASA, dangerous asteroid is moving towards the earth | नासा की तरफ से चेतावनी, धरती की तरफ बढ़ रहा है खतरनाक एस्‍टेरॉइड 

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक ऐसे एस्टेरॉयड के धरती से गुजरने की चेतावनी दी है, जिसका आकार दुनिया की सबसे ऊंची इमारत में शुमार फ्रांस के एफिल टॉवर से भी बड़ा है। बता दें कि नासा ने इस एस्टेरॉयड को संभावित रूप से खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में रखा है। इस एस्टेरॉयण को संभावित रूप से खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में रखा है। इस एस्टेरॉयड के धरती से टकराने पर परिणाम भयानक हो सकता है लेकिन राहत की बात यह है कि हमारी धरती से काफी दूर से गुजर जाएगा। बता दें कि धरती से गुजरने के बाद एस्टेरॉयड कम से कम 10 साल तक यहां वापस नहीं आएगा। 

एस्टेरॉयड का नाम 4660 Nereus है 

गौरतलब है कि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस एस्टेरॉयड का नाम 4660 Nereus है। इसका आकार फुटबॉल की पिच से करीब तीन गुना बढ़ा है। नासा के अनुमान के मुताबिक यह 11 दिसंबर तक धरती के बेहद पास गुजरेगा। इस एस्टेरॉयड की दूरी 3.9 मिलियन किलोमीटर यानि धरती और चांद के बीच की दूरी का 10 गुना है। एस्टेरॉयड 330 मीटर लंबा है। एक रिपोर्ट के हवाले से यह भी बताया गया है कि अंतरिक्ष में मौजूद 90 फीसदी एस्टेरॉयड इससे छोटे हैं।
 

Nereus अपोलो ग्रुप का ही सदस्य एस्टेरॉयड है

बता दें कि रिपोर्ट में बताया गया है कि Nereus साल 1982 में खोजे गए अपोलो ग्रुप का ही सदस्य एस्टेरॉयड है। यह भी सूरज के ऑर्बिट से होकर धरती के पास से गुजरेगा, जैसा इससे पहले के एस्टेरॉयड करते रहे हैं। फिलहाल अच्छी बात यह है कि 11 दिसंबर तक धरती के बेहद पास से गुजरने वाले इस एस्टेरॉयड से धरती को कोई खतरा नहीं होगा।

एस्टेरॉयड क्या है?

बता दें कि एस्टेरॉयड को किसी ग्रह या तारे का टूटा हुआ टुकड़ा माना जाता है। ये पत्थर या धातु के टूकड़े होते हैं जो एक छोटे पत्थर से लेकर एक मील बड़ी चट्टान तक और कभी-कभी तो एवरेस्ट के बराबर तक हो सकते हैं। आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में ‘टूटते हुए तारे’ अथवा ‘लूका’ कहते हैं। माना जाता है कि हमारे सौर मंडल में करीब 20 लाख एस्ट्रेरॉयड घूम रहे हैं।

 

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