जिला कलेक्टर ने कोटा में तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स से की मुलाकात, शेयर किए ये सक्सेस टिप्स

रिपोर्ट- शक्ति सिंह
कोटा: एजुकेशन सिटी कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करने वाले स्टूडेंट के बीच कोटा के जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी पहुंचे और पढ़ाई के तनाव को दूर करने के लिए अलग-अलग टिप्स दिए. उन्होंने स्टूडेंट को अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए उनके प्रश्नों के उत्तर दिए. कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ें तो सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी.
जिला कलेक्टर ने छात्र-छात्राओं के साथ विद्यार्थी जीवन के अपने अनुभव बांटे. बातचीत के साथ हंसी-मजाक की. बच्चों की समस्याओं को जाना, उनकी बात सुनी और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए. एक विद्यार्थी ने पूछा कि जीवन में दोस्त कैसे चुनने चाहिए तो जिला कलेक्टर ने इसका भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जीवन में दोस्ते ऐसे होने चाहिए जो आपको हैप्पीनेस दे या आपके लक्ष्य को पाने में मदद करें.
एक छात्र ने जिला कलेक्टर से कहा कि उसे पढ़ाई के बाद भी आत्मविश्वास नहीं आ पाता और स्वयं की तैयारी पर शंका बनी रहती है. इस पर कलेक्टर ने कहा कि तैयारियों पर शंका होना सामान्य है. इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है. जिला कलेक्टर ने कहा कि आप भावी डॉक्टर्स हैं स्वयं की कमियों को पहचानें और मोबाइल से दूर रहें.
पढ़ाई को याद रखने के सवाल पर कलेक्टर ने जवाब दिया कि लिख-लिख कर पढ़ाई करें, डायग्राम बना कर याद रखने की ट्रिक्स के माध्यम से स्मार्ट स्ट्रेटेजी बनाकर याद करें. एग्जाम में होने वाली सिली मिस्टेक्स से कैसे बचें इसके जवाब में कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा में गलतियां सामान्य हैं जो सब करते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ज्यादा गलती करते हैं तो कुछ कम. ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करना, रिविजन करना और पुरानी गलतियों को न दोहराने की इच्छा से सिली मिस्टेक्स से बचा जा सकता है.
जिला कलेक्टर गोस्वामी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों की अपनी क्षमता है लेकिन जो टॉपिक आपको मुश्किल लगता है उसके टेस्ट जरूर दें जिससे कि गलतियों से सीखा जा सके. कलेक्टर ने कहा कि कोई भी कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है. जीवन में हमेशा कुछ बेहतर करने की और पाने की गुंजाइश है. रात में सोने से पहले दिन में किए काम और पढ़ाई का आत्ममंथन करें. अगर लगता है आज किसी चीज में ज्यादा समय बर्बाद किया है तो कोशिश करें अगले दिन वह गलती न दोहराएं.
अच्छे नंबर पाने और सिलेक्शन के तनाव के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि पीर प्रेशर होना सामान्य है, लेकिन हर छात्र की अपनी क्षमता और खूबियां होती हैं. इसलिए तुलना से बचना चाहिए. रोजाना पापा-मम्मी से बात किया करो और रोज जो हुआ उसके बारे में बताया करो. क्या पढ़ा, क्या समझ आया, क्या समझ नहीं आया सब कुछ उनसे शेयर करो. हो सकता है आपकी समस्या का आपके परिजन कुछ अलग तरीके से समाधान बताएं लेकिन, ये तय है कि आपकी समस्या का समाधान उनके पास है क्योंकि वो आपको अच्छी तरह से जानते हैं कि आप किस परिस्थिति में क्या कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 21:44 IST