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एक्सप्लेनर: थायरॉइड से जुड़ी हर वो जानकारी, जो आपको जानना है जरूरी

थायरॉइड ग्रंथि सबसे बड़ी अंतस्त्रावी ग्रंथि होती है, यह गर्दन के नीचले भाग में स्थित होती है। यह तितली के आकार की होती है। थायरॉइड ग्रंथि से दो हार्मोन निकलते हैं, पहला टी4 और दूसरा टी3। ये दोनों हार्मोन शरीर सामान्य गतिविधियां मेटाबॉलिक एक्टिविटी, प्रजनन और ग्रोथ संबंधित गतिविधियों को कंट्रोल करते हैं, हमारे शरीर के हर एक अंग और हर कोशिका के सही संचालन के लिए थायरॉइड हार्मोन की आवश्यकता है।

थायरॉइड ग्रंथि का आकार बढ़ने को गोइटर बोलते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि में अनेक बीमारियों की वजह से हो सकते हैं। मूलत: थायरॉइड की दो तरह की बीमारियां होती हैं।

  • हाइपरथायराइडिज्म, इसमें थायरॉइड ग्रंथि से अधिक मात्रा थायरॉइड बनते हैं और निकलते हैं। इस स्थिति मेटाबॉलिक रेट बढ़ती है, शरीर में कम्पन होता है और दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। भूख ज्यादा लगने के बावजूद वजन कम होने लगता है। महावारी अनियमित होने लगती है और आंखे बढ़ जाती है।
  • हाइपोथायराइडिज्म, जब थायरॉइड ग्रंथि कम मात्रा में हार्मोन बनाती है, तो यह स्थिति बनती है। इसमें भूख कम लगने के बावजूद शरीर का वजन बढ़ता है। स्किन शुष्क होने लगती है और आवाज भी भारी हो जाती है। कब्ज की परेशानी रहती है। शरीर की सभी एक्टिविटीज धीरे हो जाती है। पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है। इसके इलाज के लिए हार्मोन की दवाइयां दी जाती है।

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बच्चों में थायरॉइड के लक्षण
जब बच्चों में जन्मजात थायरॉइड होता है, तो उन्हें मानसिक मंदता हो जाती है। बच्चे अपरिपक्व रह जाते हैं और उनकी लम्बाई नहीं बढ़ पाती। इसका अगर समय पर ईलाज नहीं हो पाता तो, बच्चे मानसिक रूप से विकसित नहीं हो पाते। वहीं गर्भावस्था के दौरान यदि थायरॉइड का ईलाज सही समय और सही मात्रा में न हो तो। तो बच्चों में मानसिक रूप से मंदता का खतरा बढ़ जाता है।

थायरॉइड के ईलाज
इसके लिए तीन ईलाज है

  1. दवाइयां
  2. दूसरा आॅपरेशन
  3. रेडियो आयोडीन

खाने में किसी तरह की रोक-टोक नहीं

खाने में किसी रोकटोक नहीं है, हमको आयोडीन युक्त नमक खाना चाहिए। घर में सामान्य खाना खा सकते हैं। नियमित व्यायाम और वजन कंट्रोल करके हम थायरॉइड की बीमारी को कम कर सकते हैं।

ये भी जानना चाहिए

  • थायराइड की बीमारी आॅटोइम्यून होती हैं, महिलाओं आॅटोइम्यून बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा रहता है।
  • महिला और पुरुष दोनों में थायरॉइड की स्थिति में प्रजनन संबंधी परेशानियां हो जाती है।
  • थायरॉइड इसका ईलाज बहुत सस्ता है।
  • लापरवाही भारी पड़ सकती है, क्योंकि इसके लक्षण तभी नजर आते हैं जब बीमारी बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसके लक्षण बेहद सामान्य होते हैं, ऐसे में यदि थायरॉइड के लक्षण नजर आएं तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।

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