एक क्लिक में लीक हो रही थी सेना की गोपनीय जानकारी! भारत–पाक सीमा पर आईएसआई का बड़ा नेटवर्क बेनकाब

Last Updated:December 01, 2025, 21:26 IST
Sri Ganganagar News : श्रीगंगानगर में आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे प्रकाश सिंह उर्फ बादल गिरफ्तार, जो ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तानी हैंडलर्स को सेना की गोपनीय जानकारी भेजता था.
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अशोक कुमार शर्मा/श्रीगंगानगर. भारत–पाक सीमा से सटे श्रीगंगानगर जिले में एक बड़ा जासूसी नेटवर्क पकड़ में आया है, जहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी प्रकाश सिंह उर्फ बादल, जो पंजाब के फिरोजपुर का निवासी है, सोशल मीडिया के ज़रिए सीधे आईएसआई से संपर्क में था और भारत की सेना से जुड़ी अति गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था. यह गिरफ्तारी सीमा सुरक्षा तंत्र और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता का बड़ा उदाहरण मानी जा रही है. मामले का खुलासा तब हुआ जब 27 नवंबर को सैन्य क्षेत्र साधूवाली के आसपास एक संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली.
सूचना मिलने पर बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदिग्ध प्रकाश सिंह को हिरासत में लिया. उसके मोबाइल फोन की शुरुआती जांच में विदेशी और पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबरों से लगातार संपर्क की पुष्टि हुई. पूछताछ में यह भी सामने आया कि बादल राजस्थान, पंजाब और गुजरात में सेना के वाहनों की मूवमेंट, सैन्य प्रतिष्ठानों, संवेदनशील इलाकों की भौगोलिक स्थिति और नए निर्माण कार्यों से संबंधित सूचनाएं अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजता था. यह जानकारी भारतीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हो सकती थी, क्योंकि यह सभी विवरण युद्धकालीन रणनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के समय से आईएसआई से जुड़ा नेटवर्कजांच के दौरान खुलासा हुआ कि प्रकाश सिंह उर्फ बादल कोई नया एजेंट नहीं, बल्कि वह काफी समय से आईएसआई के संपर्क में था. पूछताछ में सामने आया कि वह ऑपरेशन सिंदूर के समय से ही पाकिस्तानी हैंडलर्स के लिए काम कर रहा था. श्रीगंगानगर स्थित ज्वाइंट इंटरोगेशन सेंटर में सभी प्रमुख खुफिया एजेंसियों ने उससे लंबी पूछताछ की. पड़ताल में पता चला कि वह सीमावर्ती इलाकों के पुलों, रेलवे लाइनों, सड़कों और सैन्य उपकरणों की स्थिति की नियमित तस्वीरें और वीडियो भेजता था. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार यह जानकारी दुश्मन देश के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत उपयोगी मानी जाती है.
ओटीपी सप्लाई और फंडिंग का खुलासा
जासूसी के अलावा बादल एक और गंभीर राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल था. वह पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय मोबाइल नंबरों पर आने वाले ओटीपी मुहैया कराता था. इन ओटीपी की मदद से पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स भारतीय नंबरों से व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर जासूसी और अन्य खतरे पैदा करने वाली गतिविधियां संचालित करते थे. इस पूरे नेटवर्क के बदले में उसे धनराशि भी दी जाती थी. फिलहाल एजेंसियां उसकी फंडिंग, नेटवर्क और संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं. मामला बेहद संवेदनशील है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की उम्मीद है.About the AuthorAnand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
Location :
Ganganagar,Rajasthan
First Published :
December 01, 2025, 21:24 IST
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