what is digital real estate which makes property investment process easy people can buy home in india while sitting in foreign

Digital real estate in property: भारत का रियल एस्टेट बाजार बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है. खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर का इलाका और टियर-2 व टियर -3 शहरों में प्रॉपर्टी के दाम न केवल बढ़ रहे हैं, बल्कि यहां निवेश की मात्रा पिछले 10 साल की तुलना में कई गुना बढ़ गई है. रियल एस्टेट को मजबूती देने में बड़ा योगदान विदेशों में बैठे लोगों का भी है, आज बड़ी संख्या में करोड़ों के लक्जरी घर खरीदारों में ऐसे लोग शामिल हैं, लेकिन दिलचस्प है कि विदेशों में बैठकर लोग आखिर कैसे भारत में घर खरीद रहे हैं? कैसे ये लोग साइट विजिट करते हैं, कैसे दस्तावेज देखते हैं और कैसे घर खरीदने की प्रक्रिया पूरी करते हैं. आइए जानते हैं..
दरअसल भारत में डिजिटल रियल एस्टेट प्रॉपर्टी क्षेत्र का बड़ा चेहरा बनकर उभर रहा है. यह तकनीक न केवल प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए ईज ऑफ डूइंग बल्कि निवेशकों के लिए भी बड़ा बाजार तैयार कर रही है. इस तकनीक से ऐसा पहली बार हुआ है कि निवेशकों के हाथ में सम्पूर्ण नियंत्रण और सुविधा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.
क्या है डिजिटल रियल एस्टेट
डिजिटल रियल एस्टेट की वजह से अब दूर बैठकर शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना आसान हो गया है..
आज के डिजिटल युग में, प्रॉपर्टी देखने, तुलना करने, बुक करने और डॉक्यूमेंटेशन पूरा करने तक की प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है. पहले जहां प्रॉपर्टी खरीदना कई बार की साइट विज़िट, गिन-गिनकर डीलर से मुलाकात और ढेरों दस्तावेजों की जांच से जुड़ा होता था, वहीं अब मोबाइल पर कुछ क्लिक में पूरी प्रक्रिया पूरी हो सकती है. यही वजह है कि डिजिटल रियल एस्टेट निवेश का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका बनता जा रहा है.
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा समय की बचत और व्यापक विकल्पों की उपलब्धता है. आज निवेशक अब अलग-अलग शहरों के सैकड़ों प्रोजेक्ट्स को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर देख सकते हैं. प्रॉपर्टी का 3D वर्चुअल टूर, हाई-डेफ़िनिशन वीडियो, ड्रोन शूट्स और AR/VR तकनीक ने घर बैठे ही साइट पर होने का अनुभव देना शुरू कर दिया है. यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो मेट्रो शहरों से दूर रहते हैं या व्यस्त दिनचर्या के कारण साइट विजिट नहीं कर पाते.
क्या हैं फायदे? डिजिटल प्लेटफॉर्म का दूसरा महत्वपूर्ण योगदान है रियल एस्टेट के क्षेत्र में विश्वसनीयता और पारदर्शिता. पहले प्रॉपर्टी की सही लोकेशन, कानूनी स्थिति, RERA अपडेट्स, निर्माण की गति और बिल्डर की प्रतिष्ठा की वास्तविक जानकारी मिलना मुश्किल होता था लेकिन अब यह सभी विवरण प्रमाणित डाटाबेस और डिजिटल डैशबोर्ड पर उपलब्ध हैं. इससे निवेशक अधिक आत्मविश्वास के साथ निर्णय ले पा रहे हैं.
भारत में विदेशों में बैठे लोगों का निवेश काफी बढ़ गया है.
तीसरा बड़ा लाभ है प्रतिस्पर्धी कीमतें और बेहतर डील्स. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रॉपर्टीज की तुलना करना आसान है, जिससे खरीदार बेहतर विकल्प चुन सकते हैं. कई डेवलपर्स डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा देने के लिए एक्सक्लूसिव ऑफर्स, डिस्काउंट्स और सुविधाएं भी देते हैं, जो पहले उपलब्ध नहीं होती थीं.
विदेशों में रहने वाले लोगों की मौज प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए तो डिजिटल रियल एस्टेट किसी वरदान से कम नहीं है. पहले दूरी के कारण वे भारत में प्रॉपर्टी निवेश करने से हिचकिचाते थे लेकिन अब ऑनलाइन कंसल्टेशन, वर्चुअल टूर, डिजिटल एग्रीमेंट्स और सुरक्षित भुगतान की सुविधा ने बाधाओं को समाप्त कर दिया है. हजारों एनआरआई अब देश की रियल एस्टेट ग्रोथ में भरोसे के साथ निवेश कर पा रहे हैं.
एआई का हो रहा इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और लोकेशन-आधारित एनालिटिक्स भी इस क्षेत्र को नई दिशा दे रहे हैं. किस शहर में विकास की संभावनाएं अधिक हैं, कौन-सी लोकेशन बेहतर रिटर्न दे सकती है, कहां अगले कुछ सालों में कीमतें बढ़ने की उम्मीद है. यह सब अब डेटा-ड्रिवन रिपोर्ट्स से पता चल सकता है.
ऐसे में गहराई से देखें तो डिजिटल रियल एस्टेट ने भारतीय प्रॉपर्टी मार्केट को आसान, सीधा, सुरक्षित, और आधुनिक बना दिया है. यह केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि भविष्य का सशक्त मॉडल है. आने वाले वर्षों में यही तकनीक भारत को वैश्विक रियल एस्टेट बाजार में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि एआई बिग डेटा और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों ने भारतीय रियल एस्टेट को भविष्य की ओर धकेल दिया है. अब खरीदार सिर्फ ब्रॉशर देखकर नहीं, बल्कि वैज्ञानिक विश्लेषण, रियल-टाइम डेटा, लोकेशन इंटेलिजेंस, और प्रोजेक्ट की डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर निवेश का निर्णय लेते हैं, जिससे हर कदम अधिक सटीक, पारदर्शी और सुरक्षित बनता है. तकनीक ने न केवल रिस्क को कम किया है, बल्कि ग्राहकों को सही प्रॉपर्टी चुनने का विश्वास भी दिया है.
गुड़गांव, नोएडा ही नहीं छोटे शहरों में भी प्रॉपर्टी खरीदने का क्रेज काफी बढ़ गया है.
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि डिजिटल रियल एस्टेट ने भारतीय प्रॉपर्टी बाजार को नई दिशा दी है. आज खरीदार घर बैठे लोकेशन एनालिसिस से लेकर वर्चुअल साइट विजिट तक हर जानकारी एक क्लिक में हासिल कर सकता है. इस तकनीकी पारदर्शिता ने निवेशकों के भरोसे को कई गुना बढ़ाया है.जबकि सिक्का ग्रुप के चेयरमैन हरविंदर सिंह सिक्का का कहना है कि पहले प्रॉपर्टी खरीदने में महीनों लग जाते थे लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म ने इस पूरी प्रक्रिया को तेज, सरल और सुरक्षित बना दिया है. डेटा-ड्रिवन जानकारी और RERA-रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स की ऑनलाइन उपलब्धता ने भारतीय निवेशकों को निर्णय लेने में अभूतपूर्व शक्ति प्रदान की है.
मिगसन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी का कहना है कि डिजिटल रियल एस्टेट की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसने टियर-2 और टियर-3 शहरों तक निवेश के अवसरों को पहुंचा दिया है. अब छोटे शहरों के लोग भी बड़े मेट्रो प्रोजेक्ट्स में निवेश कर पा रहे हैं और NRI समुदाय भी दूरी के बावजूद भारतीय रियल एस्टेट में सहजता से निवेश कर रहा है.



