अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की क्या है वजह, क्या शुक्रवार को ही लिख दी गई थी CM पद छोड़ने की स्क्रिप्ट? सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से क्या है लिंक?

नई दिल्ली. मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दूंगा… दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवााल ने रविवार को यह ऐलान किया है. यह ऐलान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली शराब घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद किया है. रविवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान किया. केजरीवाल ने जैसे ही यह कहा तो हर कोई अटकलें लगाने लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया है? अरविंद केजरीवाल जेल में रहते हुए तो 177 दिनों तक दिल्ली के सीएम रहे फिर ऐसा क्या हुआ जो जेल से बाहर आते ही उन्होंने सीएम पद से हटने का फैसला लिया है.
कई जानकारों को मनना है कि असल में इसके पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला है जिसमें केजरीवाल को जमानत देते वक्त कई शर्ते रखी गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली शराब घोटाले मामले में उन्हें जमानत दी थी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी थी. मतलब साफ था कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने रखी थी क्या-क्या शर्त – सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं.– इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो.– वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंग.
असल में सुप्रीम कोर्ट ने जिन शर्तें के साथ केजरीवाल को जमानत दी है उनके मुताबिक, वह बाहर आकर दिल्ली के किसी भी कामकाज को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकते थे. जानकारों का मनना है कि अगर वह यह फैसला इसी वजह से लिया गया है. ताकि दिल्ली की सीएम की कुर्सी पर कोई और बैठे और राजधानी में जो भी लटके हुए काम हैं उनको जल्द से जल्द पूरा करके चुनावी मैदान में उतरा जा सके. ये इस्तीफा विपक्ष के आरोपों का जवाब भी माना जा रहा है. कई जानकारों का मनना है कि इससे पार्टी को हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कुछ फायदा मिल सकता है. हालांकि केजरीवाल का यह फैसला कितना सही है ये तो अपने वाले चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे.
कार्यकर्ताओं से क्या बोले केजरीवाल?दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब जेल में था तो भाजपा वालों ने पूछा कि केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है. इन्होंने विपक्ष के सभी लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए. आज दिल्ली के लिए कितना कुछ कर पाए क्योंकि हम ईमानदार हैं. ये लोग हमारी ईमानदारी से डरते हैं, क्योंकि ये ईमानदार नहीं है. उन्होंने ऐलान किया, आज मैं आप की अदालत में आया हूं, जनता की अदालत में आया हूं. आपसे पूछने आया हूं कि क्या आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो कि गुनहगार मानते हो. दो दिन के बाद मैं सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला ना सुना दे. आप अपना फैसला सुनाओगे तब मैं जाकर उस कुर्सी पर बैठूंगा. आपको लग रहा होगा कि अब में ऐसा क्यों बोल रहा हूं, इन्होंने मुझपर आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, भ्रष्टाचारी है, इस काम के लिए नहीं आया था मैं.
दिल्ली का कब चुनाव करवाना चाहते हैं केजरीवालकेजरीवाल ने भगवान राम के वनवास का जिक्र करते हुए कहा कि 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो सीता मैया को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी. आज मैं जेल से लौटा हूं, मुझे अग्निपरीक्षा देनी होगी. फरवरी में चुनाव हैं, मैं मांग करता हूं कि ये चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र के साथ कराए जाएं. जब तक आपका फैसला नहीं आएगा तब तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा और जब तक चुनाव नहीं होता तब तक मेरी जगह आम आदमी पार्टी से कोई और सीएम बनेगा. उन्होंने आगे कहा कि जनता के आशीर्वाद से भाजपा के सारे षड्यंत्र का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं. भाजपा के आगे हम ना झुकेंगे ना रुकेंगे और ना बिकेंगे. मैं पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे के इस खेल का हिस्सा बनने नहीं आया था.
जेल से बाहर आने पर क्या बोले थे केजरीवाल?जेल उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा था कि मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है. बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया. ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया. इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया. इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे. आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती.
उन्होंने कहा था कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा.
बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 14:00 IST