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When Amitabh Bachchan Was In A Dilemma Due To Job Or Creen Test – छोटी सी भूमिका या 1600 रुपये की नौकरी- जब कशमकश में पड़ गए अमिताभ बच्चन, तब लिया था ये फैसला

नई दिल्ली: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का जलवा बीते पांच दशक से कायम हैं। अमिताभ बच्चन ने कभी अपने काम में जनरेशन गैप फील नहीं होने दिया और आज भी अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में राज कर रहे हैं। लेकिन बॉलीवुड जगत में अपने पैर जमाना उनके लिए इतना आसान नहीं था। उन्होंने खूब स्ट्रगल किया था। करियर के शुरूआती दौर में उन्हें नौकरी और अपनी पहली फिल्म के स्क्रीन टेस्ट के बीच कशमकश का सामना करना पड़ गया था।

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छोटी सी भूमिका या 1600 रुपये की नौकरी

दरअसल आज भले हीं अमिताभ 200 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं, 3 बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका हैं। लेकिन कभी अमिताभ बच्चन ने भी फिल्मी करियर में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। करियर के शुरुआती दिनों में अमिताभ के सामने अजीब कशमकश थी, या तो वो मनोज कुमार की फिल्म ‘यादगार’ में एक छोटी सी भूमिका निभाते या फिर अपनी 1600 रुपये की नौकरी। क्योंकि उस समय उनके लिए 1600 रुपए की नौकरी भी काफी महत्वपूर्ण थी।

मनोज कुमार की फिल्म के लिए नरगिस ने अमिताभ बच्चन को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया था, इस बात को लेकर अमिताभ काफी ज्यादा नर्वस और परेशान थे। क्योंकि उस जमाने में एक झटके में 1600 रुपये की नौकरी छोड़ना किसी भी आम इंसान के लिए बहुत बड़ी बात थी। इसलिए इस दुविधा के कारण उन्होंने मनोज कुमार का ऑफर कैंसिल कर दिया था और दिल्ली लौट आए थे।

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एक बार फिर स्क्रीन टेस्ट देने का मौका

इसके बाद नौकरी छोड़ने और सात हिंदुस्तानी के लिए चुने जाने के दरमियान उन्हें नरगिस की कोशिशों के कारण एक बार फिर स्क्रीन टेस्ट देने का मौका मिला। नरगिस ने अमिताभ को समझा दिया था कि स्क्रीन टेस्ट 9 बजे रुपतारा स्टूडियो में होगा, वक्त के पाबंद अमिताभ ठीक 9 बजने से पहले ही वहां पहुंच गए थे। 1969 में आई फिल्म ‘साजन’ के लिए अमिताभ ने स्क्रीन टेस्ट दिया था। इस फिल्म में हीरो मनोज कुमार थे। इस फिल्म के लिए दिए स्क्रीन टेस्ट का क्या नतीजा मिला था इसका कोई खास सबूत नहीं है, लेकिन कहते है कि इस फिल्म में तो उन्हें काम नहीं मिला था, लेकिन उनके सफर को एक मंजिल जरूर मिल गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक नरगिस से स्क्रीन टेस्ट के लिए अमिताभ बच्चन की मां तेजी जी ने ही सिफारिश की थी। वो अपने बेटे के करियर को लेकर काफी परेशान थी। नरगिस ने अपना वादा निभाया और उन्हीं के कहने पर मोहन सहगल ने अमिताभ बच्चन का स्क्रीन टेस्ट लेने के लिए हामी भरी थी। जिसके बाद अमिताभ दिल्ली छोड़ मुंबई आ गए थे।

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