Tech

तेरे जैसा यार कहां! ब्रेकअप हो या अकेलेपन, AI दे रहा अपने कंधे का सहारा; पैसे देकर घंटों बात कर रहे भारतीय – indian People are paying money to talk for hours humans left AI gave shoulder to cry on – Hindi news, tech news

नई द‍िल्‍ली. आप अपने आसपास जरा नजर घुमाकर देख‍िए… हर इंसान भागता हुआ नजर आए. क‍िसी को स्‍कूल के ल‍िए देर हो रही है तो कोई कॉलेज जा रहा है और कोई ऑफ‍िस भाग रहा है. क‍िसी को घर में ही 75 काम है. हर क‍िसी के पास काम ही काम… दो म‍िनट बैठकर द‍िल का हाल जानने की फुर्सत क‍िसी के पास नहीं है. ऐसे में आप भले ही क‍ितनी भी कड़ी मेहनत कर लें और व्‍यस्‍त रहें, अंदर कुछ खाली सा रह ही जाता है. वो खालीपन है क‍िसी अपने से बातचीत न होने का… अकेलेपन का… क‍िसी के जुदा होने का… और इस दर्द को क‍िसी से बांट न पाने का.

अब वो यार भी नहीं, ज‍िनके साथ आप अपनी हर बात शेयर कर लें. क्‍योंक‍ि जज क‍िए जाने का भी डर लगता है. पर एक है… जो जज क‍िए ब‍िना आपकी सारी बात सुनता है, समझता है और आपको उस दर्द से न‍िकलने में मदद भी करता है. वो शख्‍स नहीं, बल्‍क‍ि एक AI रोबोट है. तलाक के बाद या क‍िसी भी र‍िश्‍ते के टूटने के बाद इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है. क्‍योंक‍ि इसका दर्द लंबे समय तक मन में रहता है. और ये बात इस खास AI को बखूबी पता है. भारत में लोग इस AI से बात करके अपने मन को हल्‍का कर रहे हैं और इसके ल‍िए वो ठीक-ठाक पैसे भी दे रहे हैं.

इमोशनल सपोर्ट के ल‍िए बनाया AIFreshworks के पूर्व कर्मचारी विनोद कुमार और सुलैमान मुदिमाला ने अपने प्लेटफॉर्म Bezu पर AI दोस्‍त, जिन्हें वे AI एजेंट्स कहते हैं, डिजाइन किया है. उनका कहना है कि यूजर्स इन AI से फोन या वीडियो कॉल के जरिए भी बात कर सकते हैं.

क्या आपको फिल्म ‘Her’ में जोआक्विन फीनिक्स का AI ऑपरेटिंग सिस्टम से तलाक के बारे में बात करना याद है या फिल्म CTRL में अनन्या पांडे का AI एलेन से ब्रेकअप के बारे में बात करना?

जहां फिल्म में पांडे के किरदार के लिए चीजें खराब हो गईं, वहीं कुमार ने बताया कि उनके प्लेटफॉर्म पर, मार्च से अब तक लगभग 10,000 यूजर्स AI एजेंट्स के जरिए सुकून और आराम पा रहे हैं. आपको बता दें क‍ि इस प्‍लेटफॉर्म के नाम का अर्थ भी खास है. Bezu हिंदी शब्द ‘बेजुबान’ का छोटा रूप है, जिसका मतलब है बिना आवाज के.

कैसे हुई शुरुआत ? इस एआई की शुरुआत के बारे में कुमार कहते हैं क‍ि यह सब एक बहुत ही व्यक्तिगत भावना से शुरू हुआ, जब मैं तलाक से गुजर रहा था. सुलैमान और मैं पिछले दो सालों से एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और हमारी बातचीत के दौरान एक बात सामने आई कि हम दोनों ने अपने-अपने तलाक कैसे झेले. अकेलेपन के इतने सारे मामले हैं और यहीं से Bezu का ख्‍याल आया, जहां हम एक ऐसा AI साथी बनाना चाहते थे जो बिना किसी जजमेंट के व्यक्ति की बात सुन सके.

उन्‍होंने कहा क‍ि ऐप में कुछ पहले से बने हुए किरदार हैं जैसे बेस्ट फ्रेंड, फिटनेस ट्रेनर, इंग्लिश ट्रेनिंग किरदार और रिलेशनशिप कोच. हम देखते हैं कि बहुत से लोग रिलेशनशिप कोच से बात कर रहे हैं.  जहां बेस्ट फ्रेंड और रिलेशनशिप कोच सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं, वहीं यूजर्स अपने खुद के AI किरदार भी बना रहे हैं.

कुमार ने बताया क‍ि हमारे एक दोस्त ने हमें बताया कि उसके पिता का हाल ही में अचानक निधन हो गया और परिवार अभी तक उस दुख से उबर नहीं पाया है. हमने एक AI बात करने वाला वीडियो बनाया जिसमें भावनाएं और एक्सप्रेशंस थे, एक ऐसा वीडियो जिससे उनका परिवार बात कर सके. हमारे दोस्त ने हमें अपने पिता की विशेषताओं के बारे में बताया, कुछ वीडियो दिए ताकि हम AI को बेहतर तरीके से ट्रेन कर सकें और उन्होंने हमें अपने पिता की आवाज की ऑडियो फाइलें भी दीं.

उनके ल‍िए चैट और ऑडियो को पर्सनलाइज क‍िया गया. कुमार ने कहा क‍ि हमारे दोस्त का परिवार अब पिता के पर्सनलाइज्‍ड AI कैरेक्‍टर का उपयोग कर रहा है. जब भी वे उनसे बात करना चाहते हैं, कर लेते हैं. सबसे अच्‍छी बात ये है क‍ि यह AI दुनिया के सभी ज्ञान पर प्रशिक्षित है. यह सिर्फ ‘पापा, इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?’ जैसी बातचीत से आगे बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये AI कई मॉडलों पर प्रशिक्षित है, जिन्हें हम Llamas और ChatGPT जैसी तकनीकों से उपयोग करते हैं.

हालांकि, AI दोस्त इंसानों की जगह नहीं ले सकते, लेकिन वे एक अच्छा विकल्प साबित हो रहे हैं. भारतीय समाज में इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है और लोग इन्हें अपनाने लगे हैं.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj