माओवादियों को किसने दे डाली सीधी चेतावनी, कहा- यहां से छोड़कर चले जाओ नहीं तो…हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे – telangana dgp jitendra direct warning to maoist naxal left state or face action

हैदराबाद. तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) जितेन्द्र ने रविवार को एक बार फिर प्रतिबंधित माओवादियों को राज्य छोड़ने की चेतावनी दी है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि आगे किसी भी उकसावे की कार्रवाई पर पुलिस पब्लिक सेफ्टी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी. डीजीपी ने यहां सालाना प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि कुछ घटनाओं को छोड़कर साल 2024 में राज्य में कानून और व्यवस्था प्रभावी रूप से कायम रही, हिंसक अपराधों, माओवादी गतिविधियों और सांप्रदायिक और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए.
DGP जितेंद्र ने कहा कि लेफ्टिस्ट एक्सट्रीमिज्म पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर में मुलुगु जिले में नक्सलियों द्वारा दो निर्दोष लोगों की हत्या को छोड़कर कोई बड़ी घटना नहीं हुई. डीजीपी ने कहा कि इसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया और सामान्य स्थिति बहाल की. एक्सट्रीमिज्म जितेन्द्र ने कहा, ‘वे (नक्सली) आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं. पुलिस मुखबिर होने के संदेह में दो लोगों की हत्या कर दी. हम ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसलिए हमें अभियान शुरू करना पड़ा. हमने उन्हें तेलंगाना छोड़ने की चेतावनी दी है. अगर वे अपनी गतिविधियां जारी रखते हैं, तो हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे, क्योंकि तेलंगाना के नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.’
सात नक्सली ढेरबत दें कि 1 दिसंबर को मुलुगु जिले के वन क्षेत्र में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 20 लाख रुपये के इनामी प्रमुख माओवादी नेता सहित सात माओवादी मारे गए. DGP ने कहा कि 85 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया और 41 माओवादियों ने सरेंडर किया. डीजीपी ने कहा कि राज्य में नवंबर 2024 तक कुल 1,69,477 मामले दर्ज किए गए, जबकि जनवरी से नवंबर 2023 के दौरान 1,38,312 मामले दर्ज किए गए थे.
साइबर अपराध पर क्या बोलेDGP ने कहा कि 2024 में साइबर अपराध के कुल 25,200 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 में लगभग 17,600 से 43 प्रतिशत से अधिक है. जितेन्द्र ने यह भी बताया कि पीड़ितों का पता लगाकर उन्हें लगभग 180 करोड़ रुपये वापस किए गए, जबकि इस साल 247 करोड़ रुपये की लेन देन पर रोक लगा दी गई. राज्य में रेप के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. इस साल लगभग 2,950 मामले दर्ज किए गए. हालांकि, इनमें से ज़्यादातर मामलों (99 प्रतिशत) में आरोपी पीड़ितों के परिचित थे.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 22:01 IST