Entertainment

अभिनेत्री मधुबाला को कौन तंग कर रहा था जो PM से मांगनी पड़ी मदद? तुरंत दिलाया था बॉडीगार्ड

‘हुस्न की मल्लिका’ कही जाने वाली अत्रिनेत्री मधुबाला की खूबसूरती और मुस्कान पर हर कोई फिदा हो जाता था. उनके चाहने वालों में जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर बाल ठाकरे तक थे. दिलीप कुमार भी इसी अदा पर मर मिटे. 14 फरवरी 1933 को जन्मीं मधुबाला कभी फिल्मी दुनिया में नहीं आना चाहती थी. उनके दिल में बचपन से छेद था और डॉक्टरों ने ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी थी. पर घर की माली हालत ऐसी हो गई कि पिता ने उन्हें फिल्मी दुनिया में धकेल दिया.

मधुबाला के पिता लाहौर की इंपीरियल टोबैको कंपनी में काम किया करते थे. उनकी नौकरी छूट गई तो वहां से पूरे परिवार को लेकर दिल्ली आ गए और फिर यहां से बंबई पहुंचे. उन्हें उम्मीद थी कि बंबई में मधुबाला को फिल्मों में काम मिल जाएगा. उस समय मधुबाला की उम्र में सिर्फ 6 साल हुआ करती थी. वह 11 भाई-बहन वाले परिवार में इकलौती कमाने वाली थीं.

मधुबाला - विकिपीडिया

मधुबाला के कांट्रेक्ट में वो खास शर्तफिल्म पत्रकार अजय कुमार शर्मा अपनी किताब ”बॉलीवुड के अनकहे किस्से’ में लिखते हैं कि मधुबाला के लिए नई फिल्मों का कांट्रेक्ट ज्यादातर उनके पिता अताउल्ला खान ही साइन किया करते थे, जो बहुत जिद्दी और मुंहफट थे. उनके कांट्रेक्ट में एक खास शर्त होती कि सेट पर आगंतुकों का प्रवेश निषेध रहेगा. एक मौका ऐसा आया, जब यही शर्त उनके गले की हड्डी बन गई.

साल 1950 में आई फिल्म ‘निराला’ में मधुबाला के अलावा देवानंद और मजहर खान मुख्य भूमिका में थे. एक दिन मजहर खान ने अपने कुछ मेहमानों को शूटिंग देखने के लिए न्योता दिया. उन्हें मधुबाला के कांट्रेक्ट से जुड़ी शर्त के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जब अताउल्ला खान को मजहर खान के मेहमानों के बारे में पता चला तो वे गुस्से में तमतमाते हुए डायरेक्टर एम. सादिक के पास पहुंचे. इसके बाद मेहमानों को अंदर नहीं आने दिया गया. साथ ही फिल्म की शूटिंग भी रोक दी गई.

सेट पर हो गया विवादमजहर खान ने खुद मधुबाला के पास जाकर मेहमानों को अंदर आने की अनुमति देने की गुजारिश की लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया. मधुबाला ने जवाब दिया- ‘अब्बा जैसा कह रहे हैं, वैसा होगा. वरना मैं शूटिंग छोड़कर चली जाऊंगी…’ मजहर खान अपमान का घूंट पीकर रह गए. पर यह बात आग की तरह फैल गई. पत्रकारों को इसकी खबर लगी तो कुछ लोगों ने मधुबाला से सीधे बात करने की कोशिश की,  लेकिन उन्होंने पत्रकारों से भी ढंग से बात नहीं की.

मधुबाला क्यों चुरा लेती थीं सबका दिल?

पत्रकारों ने क्यों कर दिया था बायकॉट?अजय शर्मा लिखते हैं कि इसके बाद पत्रकारों को भी गुस्सा आ गया. भारत और पाकिस्तान के पत्रकारों ने मिलकर ‘इंडो पाक जर्नलिस्ट एसोसिएशन’ बना लिया और मूवी टाइम्स पत्रिका के संपादक बीके करंजिया को इसका सचिव बना दिया. इस संगठन ने फैसला लिया कि अब वे अपने पत्र-पत्रिका में मधुबाला की तस्वीर, उनकी फिल्मों के विज्ञापन और इंटरव्यू तब तक नहीं छापेंगे, जब तक कि अताउल्ला खान और मधुबाला पत्रकारों से माफ़ी ना मांग लें.

ये भी पढ़ें- वो प्रधानमंत्री जिसने जजों से लिखवा लिया- शराब को कभी हाथ नहीं लगाएंगे, जासूस किया करते थे चेक

PM से मदद मांगने पहुंचींइसी बीच मधुबाला को फोन पर धमकियां मिलनी शुरू हो गईं. उनके अपहरण तक की बात की जाने लगी. इन धमकियों से मधुबाला इतनी तंग हो गईं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मिलने पहुंच गईं. पीएम को बताया कि किस तरीके से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री के निर्देश पर उन्हें पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड मुहैया कराया गया, जो 24 घंटे उनकी सुरक्षा में लगा रहता था.

पूरा विवाद साल भर चलता रहा. सालभर बीतने के बाद मधुबाला के पिता अताउल्ला खान को लगा कि अब उनकी बेटी की लोकप्रियता पर असर पड़ रहा है. आखिरकार बीके करंजिया के बंगले पर मधुबाला और उनके पिता ने पत्रकारों से माफी मांगी और पूरा मामला सुलझा. इस समझौते के अगले दिन मधुबाला ने बांद्रा स्थित अपने बंगले पर पत्रकारों को भव्य पार्टी भी दी.

Tags: Bollywood actress, Bollywood films, Bollywood news

FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 10:11 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj