Rajasthan

ERCP पर मिल गए राजस्थान और मध्य प्रदेश के हाथ, बन गई बात, मोदी सरकार ने दिया आशीर्वाद, मिला ये नया नाम

जयपुर. पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से राजस्थान की जनता को दी गई ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) की गारंटी अब साकार होने वाली है. ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की आबादी की प्यास बुझाने के लिए लाइफ लाइन बनने जा रही है. राजस्थान और मध्य प्रदेश के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को अब धरातल पर उतारने की पूरी तैयारी कर ली गई है. इसके लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र के बीच रविवार शाम को दिल्ली में एमओयू साइन हो गया है.

इस प्रोजेक्ट से राजस्थान और मध्यप्रदेश की बड़ी आबादी पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने के साथ साथ दो दशक पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदियों को जोड़ने का देखा गया सपना भी पूरा होने जा रहा है. मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में केन तथा बेतवा नदियों को जोड़ने से शुरू हुआ यह सिलसिला अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी पार्वती-कालीसिंधु-चंबल नदियों को जोड़ने तक बढ़ गया है.

केन्द्र सरकार की पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों को जोड़ने की इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, अजमेर, करौली, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां के लिए पेजयल के साथ साथ लाखों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए पानी का संकट समाप्त हो जाएगा. इस समझौते से मध्य प्रदेश में मालवा तथा चंबल क्षेत्र और राजस्थान में ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को एकसाथ कर पूरे प्रोजेक्ट का नया नाम ‘ईआरसीपी-पीकेसी लिंक प्रोजेक्ट’ दिया गया है.

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा है कि नए नाम की ईआरसीपी-पीकेसी लिंक प्रोजेक्ट के लिए करीब 58 हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. केन्द्र सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने से दोनों राज्यों पर ज्यादा वित्तीय भार नहीं पड़ेगा. अब केन्द्र सरकार ईआरसीपी-पीकेसी लिंक प्रोजेक्ट पर 90 फीसदी हिस्सा खर्च करेगी. राजस्थान और मध्य प्रदेश इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर सिर्फ दस फीसदी ही खर्च करेंगे.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस मौके पर कहा कि यह मध्य प्रदेश और राजस्थान के 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है. आज राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव दोनों के साथ बैठकर प्रधानमंत्री मोदी की अपेक्षा के अनुरूप समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं. पीएम का निरंतर यह आग्रह रहा है कि हमें अपने जल संसाधनों का सर्वोत्तम और सर्वाधिक उपयोग व उपभोग किस तरह से हो सके इस दृष्टिकोण से काम करने की आवश्यकता है.

प्रोजेक्ट से राजस्थान को ये मिलेगा लाभ
– पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर और टोंक में पेयजल उपलब्ध होगा.
– 2,80,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
– लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल और राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.
– केंद्र सरकार ने 13 दिसंबर 2022 को पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट को ईआरसीपी के साथ एकीकृत करने के प्रस्ताव को प्राथमिकता वाली लिंक परियोजना के लिए अनुमोदन किया गया है.
– ईआरसीपी में सम्मिलित रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमता वर्धन और पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार किया जाएगा.

Tags: Bhajan Lal Sharma, Gajendra Singh Shekhawat, Jaipur news, Mohan Yadav, Pm narendra modi, Rajasthan news

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