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पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज क्यों हैं महिलाओं की नींद के दुश्मन? कम सोना कितना खतरनाक है?

इन दिनों जेंडर इक्वेलिटी की बात होने लगी है. महिला और पुरुषों को एक समान देखा जाता है. लड़का-लड़की में फर्क नहीं किया जाता लेकिन नींद उनके बीच फर्क पैदा करती है। दोनों का शरीर एक-दूसरे से अलग है. उनके हॉर्मोन्स अलग हैं, ऐसे में उनका स्लीप पैटर्न यानी नींद भी जुदा होती है. यानी नींद उनके बीच जेंडर गैप का कारण बन सकती है. महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नींद चाहिए होती है.   

महिलाओं को चाहिए 11 मिनट की ज्यादा नींदनेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार एक व्यस्क को दिन में 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए. लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में हुई स्टडी के अनुसार महिला और पुरुषों को अलग-अलग घंटे सोना चाहिए जिससे वह तरोताजा महसूस कर सकें. स्टडी में इकट्ठा हुआ सेंसस ब्यूरो डाटा के अनुसार महिलाओं ने कहा कि वह रात में 8 घंटे 27 मिनट सोती हैं जबकि पुरुष 8 घंटे 16 मिनट नींद लेते हैं. दोनों की नींद में 11 मिनट का फर्क मिला. इसके अलावा एक और स्टडी हुईं जिसमें सामने आया कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नींद की जरूरत होती है.  लेकिन अधिकतर महिलाओं की नींद पूरी नहीं हो पाती.

महिलाओं को होती अनिद्रा की बीमारीस्लीप फाउंडेशन के मुताबिक 40% महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अनिद्रा का शिकार होती हैं. महिलाएं मल्टीटास्किंग होती हैं. उनका दिमाग पुरुषों से ज्यादा काम करता है. महिलाएं एक साथ ऑफिस, घर का काम और बच्चों की जिम्मेदारी संभालती हैं लेकिन पुरुष ऐसा नहीं कर पाते. महिलाओं को सबका ख्याल होता है इसलिए वह सुबह 5 बजे उठकर घर के सारे काम निपटाती हैं और ऑफिस भी जाती हैं. थककर बेड पर लेटती हैं तो रात के 12 बज जाते हैं. यह सब चीजें उनकी नींद को कम कर देती हैं. स्लीप क्वालिटी खराब होने की वजह से वह अनिद्रा का शिकार होने लगती हैं. 


अच्छी नींद के लिए रोज मेडिटेशन करें (Image-Canva)

मेंस्ट्रुअल साइकिल से गड़बड़ीस्लीप फाउंडेशन के मुताबिक महिलाओं के हॉर्मोन्स उन्हें ठीक तरीके से सोने नहीं देते हैं. अधिकतर महिलाएं रात को घंटों तक जागती रहती हैं जिससे उनकी स्लीप साइकिल प्रभावित होती है. मेंस्ट्रुअल साइकिल की वजह से हर महीने महिलाओं का स्लीप पैटर्न डिस्टर्ब रहता है. पीरियड्स में पेट में दर्द, ब्लोटिंग, सिरदर्द उन्हें थका देता है लेकिन दर्द की वजह से उन्हें नींद नहीं आती. 

प्रेग्नेंसी में होता रेस्टलेस लेग सिंड्रोमदिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. हिना खान कहती हैं कि हर महिला की प्रेग्नेंसी एक-दूसरे से अलग होती है. इस दौरान कुछ महिलाओं को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (Restless legs syndrome) होता है जिसमें आसाम करने के लिए उन्हें पैरों को हिलाने की इच्छा होती है। वह पैरों में कुछ अजीब सी झनझनाहट महसूस करती हैं और असहज हो जाती हैं. रात में यह दिक्कत और बढ़ जाती है. पैर हिलाने से यह अस्थाई रूप से ठीक हो जाती है. दरअसल यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी में कई महिलाएं स्लीप एपनिया की शिकार हो जाती है. वहीं जब बेबी हो जाता है तब भी उनकी स्लीप साइकिल ठीक नहीं रहती. 

मेनोपॉज में हॉट फ्लैशेज उड़ाते हैं नींदमेनोपॉज के दौरान 85% महिलाओं को हॉट फ्लैशेज होते हैं. इस दौरान अचानक महिलाओं को शरीर में गर्माहट महसूस होती है. इससे बॉडी गर्म हो जाती है और खूब सारा पसीना आने लगता है. यह कुछ सेकंड या कुछ मिनटों तक हो सकता है. ऐसा कभी भी हो सकता है. दरअसल मेनोपॉज में हॉर्मोन्स का स्तर कम होने लगता है जिससे ऐसा होता है. इस वजह से महिलाओं की रातों की नींद उड़ जाती है. 

महिलाओं को झपकी लेना पसंदकुछ स्टडीज में सामने आया कि महिलाओं को दिन में नींद की झपकी लेना पसंद होता है. लेकिन दिन की झपकी उनकी रात की नींद को कम कर सकती है. वहीं एक रिसर्च के अनुसार महिलाएं पुरुषों के मुकाबले जल्दी गहरी नींद में सोती हैं. 


सोने से 1 घंटे पहले शॉवर लेने से अच्छी नींद आती है (Image-Canva)

नींद क्यों जरूरी हैहेल्थलाइन के हिसाब से नींद शरीर के लिए खाना-पानी जितनी ही जरूरी है. सोने से बॉडी में कुछ केमिकल रिलीज होते हैं जो टिश्यू को रिपेयर करते हैं. इससे बॉडी को एनर्जी मिलती है, इम्यूनिटी बढ़ती है, दिल और बाकी ऑर्गन सही तरीके से काम करते हैं. नींद से दिमाग को सुकून मिलता है जिससे याददाश्त बढ़ती है और किसी तरह का भी मेंटल डिसऑर्डर नहीं होता. अच्छी लाइफ के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है.

कैसे आएगी अच्छी नींदसोने के लिए व्यक्ति को खुद को मानसिक रूप से तैयार करना पड़ता है. सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप से दूरी बना लें. इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से ब्लू लाइट निकलती है जो नींद को प्रभावित करती है. सोने से पहले नेगेटिव ख्यालों से दूर रहें. इसके लिए किताब पढ़ें या कुछ भी लिखें. इसके अलावा प्राणायाम करें. इससे जल्दी नींद आती है. रात को चाय-कॉफी से बचें. डिनर शाम को 7 बजे ही कर लें. अच्छी गहरी नींद के लिए मॉर्निंग वॉक जरूरी है. इससे शरीर की जैविक घड़ी सही तरीके से काम करती है और हमेशा सोने और उठने का एक ही समय रखें.  

घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैंभारत में अधिकतर घरों में अच्छी नींद के लिए रात को दूध पिया जाता है. इसके अलावा अश्वगंधा, जायफल, पिस्ता और कैमोमाइल चाय से भी गहरी नींद आती है क्योंकि इससे स्लीप हॉर्मोन रिलीज होता है. कुछ स्टीज कहती हैं कि रात को गर्म पानी या सोना स्टीम लेने से बॉडी का टेंपरेचर बढ़ता है, जिससे मसल्स रिलैक्स होती हैं और अच्छी नींद आती है.  

Tags: Better sleep, Female delivery, Female Health, Health, Heart Disease, Mental diseases

FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 17:23 IST

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