Why Chambal river considered cursed river read Secret of Chambal and religious history along with connection of Heritage Chambal River Front kota | चंबल नदी को क्यों मानते हैं शापित नदी, पढ़ें चंबल का धार्मिक इतिहास और कथाएं

भोपालPublished: Sep 12, 2023 07:05:05 pm
भारत में नदियों का धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है। खेती हो या व्यापार और सभ्यता सभी के विकास की धुरी नदियां ही रहीं है। इसीलिए इन्हें जीवनदायिनी मानकर इनकी पूजा की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ नदियां ऐसी हैं जिन्हें शापित माना जाता है। इन्हीं में से एक है चंबल नदी, आज जब राजस्थान के कोटा में 1400 करोड़ की हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट परियोजना का लोकार्पण किया गया तो जानते हैं कि क्या है चंबल का धार्मिक इतिहास, चंबल का रहस्य और इस नदी को क्यों माना जाता है शापित..
चंबल नदी का धार्मिक इतिहास
कहां से कहां तक बहती है चंबल
चंबल मध्य भारत की प्रमुख नदी है, जो मध्य प्रदेश में विंध्य रेंज से महू के जानापाव से निकलती है और राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य से होकर बहती है। यमुना की इस सहायक नदी की लंबाई 960 किलोमीटर है, जो उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के मुरादगंज (भरेह के पास पचनाडा) स्थान में यमुना नदी में मिल जाती है। इस नदी की भी 11 सहायक नदियां हैं जो काली, पार्वती, बनास, कुराई, बामनी, शिप्रा आदि नामों से जानी जाती हैं। इस नदी पर कोटा बैराज, राणा प्रताप सागर बांध और गांधी सागर बांध बनाए गए हैं, जो क्षेत्र में सिंचाई आदि की जरूरतों को पूरा करती है।