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14 किमी लंबा वो गलियारा जिस पर अटक रही बात, आखिर उस पर क्यों कंट्रोल करना चाहता है इजरायल

What is the Philadelphi corridor? : मिस्र के साथ गाजा की दक्षिणी सीमा पर एक गलियारे को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपने ही देश में लोगों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. नेतन्याहू की आलोचना करने वालों में उनके अपने सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठान भी शामिल हैं. बेंजामिन नेतन्याहू का मानना है कि उनकी सेना को उस गलियारे जिसे फिलाडेल्फी कॉरिडोर के रूप में जाना जाता है पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए. लेकिन नेतन्याहू के फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर अपने रुख को लेकर देश में यह भावना है कि इजरायली सैनिकों को गाजा में स्थायी रूप से रहने की आवश्यकता नहीं है. 

अल जजीरा डॉटकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार दरअसल फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर मई में इजरायली बलों ने कब्जा कर लिया था. इजरायल ने यह काम हथियारों की तस्करी रोकने के लिए किया था. लेकिन अब नेतन्याहू ने इस स्थान पर अपना सैन्य नियंत्रण बढ़ाकर दोगुना  कर दिया है. लेकिन नेतन्याहू का यह कदम गाजा में युद्धविराम समझौते तक पहुंचने में बड़ी बाधा बन गया है. क्योंकि घरेलू स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच इजरायली नेता पर दबाव बढ़ रहा है कि एक ऐसा समझौता किया जाए जिससे बंदियों को घर लाया जा सके. गाजा में इजरायली सेना द्वारा मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या 41,000 के करीब पहुंचने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश है. 

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क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोरफिलाडेल्फी कॉरिडोर या गलियारा राफा क्रॉसिंग सहित मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर लगभग 14 किमी लंबाई और 100 मीटर चौड़ी भूमि है, जो एक रिबननुमा है. इसे 2005 में गाजा बस्तियों से इजरायली सैनिकों की वापसी के बाद एक डिमिलेट्रीराइजेशन (विसैन्यीकृत) सीमा क्षेत्र के रूप में डिजाइन किया गया था. यह गलियारा भूमध्य सागर से इजरायल के साथ केरेम शालोम क्रॉसिंग तक चलता है. 2005 से पहले, मिस्र के साथ इजरायल की 1979 कैंप डेविड शांति संधि ने गलियारे में सीमित संख्या में सैनिकों को रखने की अनुमति दी थी, लेकिन कोई भारी आर्मरी ​​नहीं थी. इजरायल की वापसी के बाद, यह मिस्र और फिलिस्तीनी प्राधिकरण की जिम्मेदारी थी. 2007 में हमास द्वारा गाजा पर नियंत्रण करने तक, तस्करी को रोकने के लिए मिस्र ने 750 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. इस साल मई में इजरायल द्वारा गाजा पर जमीनी हमले के बाद इस पर फिर कब्जा कर लिया गया था. 

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क्यों नहीं हटना चाहते नेतन्याहूबेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को विदेशी पत्रकारों से कहा, “गाजा को डिमिलेट्रीराइज किया जाना चाहिए, और यह तभी हो सकता है जब फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर हमारा मजबूत कब्जा रहे.” नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए इजरायल को गलियारे पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए. इजराइल इस रणनीतिक स्थान से हटने पर तभी विचार करेगा जब क्षेत्र में पुलिस तैनात की वैकल्पिक योजना पेश की जाएगी. उन्होंने कहा, “किसी ऐसे व्यक्ति को मेरे पास लाएं जो वास्तव में हमें दिखाए कि वो वास्तव में तस्करी की पुनरावृत्ति को रोक सकते हैं. मुझे अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा है. जब तक ऐसा नहीं होता, हम वहीं हैं.”

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मिस्र भी चाहता है हट जाए इजरायलअमेरिका और कतर के साथ संघर्ष विराम वार्ता में मध्यस्थ मिस्र ने भी अपनी सीमा के साथ चलने वाले गलियारे से इजरायल की वापसी के लिए एक ठोस समयसीमा की मांग की है. संयुक्त अरब अमीरात ने भी बुधवार को गलियारे को नियंत्रित करने के इजरायल के फैसले की आलोचना की है. संयुक्त अरब अमीरात ने अरब-इजरायल संबंधों को सामान्य बनाने के लिए डिजाइन किए गए 2020 अब्राहम समझौते में इजरायल के साथ औपचारिक संबंध बनाए हैं. जब नेतन्याहू से इजराइल द्वारा गाजा में युद्ध समाप्त करने की समयसीमा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताने से इनकार कर दिया. नेतन्याहू ने कहा, “हम ऐसा कब तक कर सकते हैं? इस जीत को हासिल करने में जितना समय लगेगा. और मुझे लगता है कि हम काफी करीब आ रहे हैं.”

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हमास ने कहा, गतिरोध के लिए नेतन्याहू जिम्मेदारहमास ने संघर्ष विराम वार्ता में जारी गतिरोध के लिए नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराया है. हमास ने गुरुवार को जारी एक बयान में इजरायली नेता पर गाजा पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया. हमास ने  कहा, “नेतन्याहू के सलाह अल-दीन (फिलाडेल्फी कॉरिडोर) से पीछे नहीं हटने के फैसले का उद्देश्य किसी समझौते तक पहुंचने में बाधा डालना है.” हमास ने कहा, “हम नेतन्याहू के जाल और चालों में फंसने के खिलाफ चेतावनी देते हैं, क्योंकि वह हमारे लोगों के खिलाफ आक्रामकता को बढ़ाने के लिए बातचीत का इस्तेमाल करते हैं. हमें नए प्रस्तावों की आवश्यकता नहीं है. अब जरूरत इस बात की है कि नेतन्याहू और उनकी सरकार पर दबाव डाला जाए. जिस बात पर सहमति बनी है उसके लिए उन्हें बाध्य किया जाए.” 

नेतन्याहू ने कर दिया एक गलत दावाअल जजीरा डॉटकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने यह भी गलत दावा किया कि मई में दक्षिणी गाजा में राफा पर इजरायल के जमीनी आक्रमण ने गाजा में हमास द्वारा रखे गए इजरायली बंदियों को पहली बार रिहा करने के लिए मजबूर किया. वास्तव में, बातचीत के जरिए रिहाई इजरायल और हमास के बीच सहमत एक सप्ताह के युद्धविराम समझौते के तहत नवंबर में महीनों पहले हुई थी. इजरायल-हमास संघर्ष विराम 24 नवंबर को शुरू हुआ और इसे दो बार बढ़ाया गया. समझौते के तहत, लड़ाई रोक दी गई और मानवीय सहायता को गाजा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के बदले में हमास ने भी इजरायली बंदियों को रिहा कर दिया था. 30 नवंबर को छह दिवसीय युद्धविराम के अंत तक, हमास द्वारा 105 बंदियों को रिहा कर दिया गया था और इजरायल द्वारा 240 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त कर दिया गया था.

Tags: Benjamin netanyahu, Hamas attack on Israel, Israel attack on palestine, Israel News, Israeli PM

FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 13:45 IST

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