सर्दियों में देर रात खाना क्यों बढ़ाता है खतरा, जानें तासीर और टाइमिंग का सही विज्ञान – Madhya Pradesh News

Last Updated:December 09, 2025, 00:59 IST
Satna News: डायटिशियन ममता पांडे लोकल 18 को बताती हैं कि सर्दियों में सूर्यास्त जल्दी होने के चलते बॉडी की बायोलॉजिकल क्लॉक भी जल्दी स्लो-डाउन मोड में चली जाती है. हमारा सर्केडियन रिथम सूरज की रोशनी के हिसाब से काम करता है, इसलिए सर्दियों में जल्दी भोजन करने से पाचन को बेहतर समय मिलता है.
सतना. सर्दी का मौसम जैसे-जैसे बढ़ने लगता है, शरीर की पाचन क्रिया भी उतनी ही धीमी पड़ने लगती है. ऐसे समय में देर रात भारी भोजन लेना न केवल अगले दिन थकान और सुस्ती बढ़ा देता है बल्कि गैस, ब्लोटिंग और कफ जैसी समस्याओं को भी दावत देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में भोजन का समय हमारी सेहत को सीधे प्रभावित करता है, इसलिए सही टाइमिंग और तासीर के अनुसार भोजन चुनना बेहद जरूरी हो जाता है. यही कारण है कि ठंड में भोजन का रूटीन जितना संतुलित रखा जाए, उतना ही स्वास्थ्य बेहतर रहता है.
सर्दियों में शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है, जिसके चलते पाचन तंत्र थोड़ा धीमा हो जाता है. यही वजह है कि देर रात का भोजन पेट में अधिक समय तक पड़ा रहने लगता है और शरीर उसे पूरी तरह पचा नहीं पाता. आयुर्वेद और मॉडर्न न्यूट्रिशन दोनों मानते हैं कि ठंड के मौसम में रात का खाना अधिकतम 7–8 बजे के बीच ले लेना चाहिए ताकि भोजन को पचने का पर्याप्त समय मिल सके. देर से खाया भोजन बड़ी आंत में पहुंचकर सड़न पैदा कर सकता है, जो आगे चलकर गैस, कब्ज और भारीपन जैसी परेशानियों का कारण बनता है.
तासीर के हिसाब से भोजन करना क्यों जरूरी?खाने की तासीर सर्दियों में बेहद अहम मानी जाती है. विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ जैसे- अदरक, गुड़, गरम सूप, दलिया और हरी सब्जियां शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और पाचन क्रिया को सक्रिय बनाए रखते हैं. वहीं ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थ देर रात लेने से पाचन धीमा हो सकता है और शरीर में कफ बढ़ सकता है. संतुलित, हल्का और गर्माहट देने वाला भोजन इस मौसम का आदर्श आहार माना जाता है.
पाचन को मिलता बेहतर समय
लोकल 18 से बातचीत में मध्य प्रदेश के सतना की रहने वालीं डायटिशियन ममता पांडे बताती हैं कि सर्दियों में सूर्यास्त जल्दी होने के चलते शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक भी जल्दी स्लो-डाउन मोड में चली जाती है. हमारा सर्केडियन रिथम सूरज की रोशनी के हिसाब से काम करता है, इसलिए ठंड में जल्दी भोजन करने से डाइजेशन को बेहतर समय मिलता है और शरीर को भोजन से मिलने वाला असली पोषण भी अच्छा मिलता है. वह सलाह देती हैं कि रात के भोजन को हल्का रखा जाए और तला-भुना और गरिष्ठ खाना कम किया जाए. यदि भोजन के बाद देर रात दोबारा भूख लगे, तो हल्दी वाला गुनगुना दूध लेना एक बेहतरीन विकल्प है. यह भूख शांत करता है और शरीर को पोषण भी देता है.
देर से खाए भोजन के दुष्प्रभावरात में देर से खाना न केवल डाइजेशन खराब करता है बल्कि इंसुलिन सेंसिटिविटी पर भी असर डालता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. इसके अलावा जो भोजन पूरी तरह नहीं पचता, उसकी कैलोरी भी शरीर उपयोग नहीं कर पाता और वह फैट में बदलने लगती है, जिससे वजन बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है. देर से खाना नींद के चक्र को भी बिगाड़ता है और देर से खाना खाने वाले अक्सर देर से ही उठते हैं, जिससे दिनचर्या प्रभावित हो जाती है.
समय पर भोजन अच्छी सेहत की चाबीविशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में समय पर और तासीर के हिसाब से लिया गया भोजन शरीर को ऊर्जा देने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों को दूर रखने में सबसे अहम भूमिका निभाता है. हल्का, गर्म और समय पर लिया गया रात का भोजन न केवल डाइजेशन को बेहतर बनाता है बल्कि पूरी नींद और बेहतर स्वास्थ्य की भी गारंटी देता है.
About the AuthorRahul Singh
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Location :
Satna,Madhya Pradesh
First Published :
December 09, 2025, 00:59 IST
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सर्दियों में देर रात खाना बढ़ाता खतरा, जानें तासीर और टाइमिंग का सही विज्ञान
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