किम जोंग की खास ट्रेन में क्यों रखी जाती है स्मार्ट लड़कियों की ब्रिगेड, करती हैं क्या-क्या काम

हाइलाइट्स
उ. कोरिया के शासक किम जोंग अपनी अजीबोगरीब आदतों और सनक के लिए मशहूर हैंवह हवाई यात्रा नहीं करते हैं और कहीं भी जाते हैं तो अपनी खास ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं ट्रेन में सारे ऐशोआराम मौजूद हैं, इसमें होस्टेस का काम युवा लड़कियों की टीम करती है
Kim Jong Special Train: उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन (Kim Jong Un) अपनी अजीबोगरीब आदतों और सनक के लिए मशहूर हैं. साथ ही इस तानाशाह को उनके क्रूर कामों के जाना जाता है. अभी हाल ही में किम जोंग ने उत्तर कोरिया में हाल में आई घातक बाढ़ में मौतों को बर्दाश्त से बाहर बताते हुए अपने 30 अधिकारियों को फांसी पर लटका दिया था. उनकी इसी सनक का नमूना है उनकी खास ट्रेन. किम जोंग कहीं भी जाते हैं तो इसी ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. उनको अपने पिता की ही तरह हवाई यात्रा करने से डर लगता है. उत्तर कोरिया के शासक रहे उनके पिता किम जोंग इल दादा किम इल सुंग और दादा किम इल सुंग भी ट्रेन से ही यात्राएं करना पसंद करते थे. किम जोंग की ट्रेन को चाक-चौबंद सुरक्षा के कारण चलता-फिरता किला भी कहा जाता है.
किम जोंग उन एक लग्जरी लाइफ जीते हैं. महंगी शराब, खास सिगरेट और विदेशों से आयात किया हुआ मीट उनके लाइफस्टाइल का हिस्सा है. इस ट्रेन में ऐशोआराम की सारी सुविधाएं मौजूद हैं. ट्रेन में होस्टेस का काम युवा लड़कियों की चीयरलीडर्स की टीम करती है. इस टीम को खास अभियान के जरिये तलाश कर नियुक्त किया जाता है. कहा जाता है कि इस ट्रेन पर खाने पीने से लेकर मनोरंजन तक विलासिता का हर सामान मौजूद रहता है.
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ये लग्जरी ट्रेन किम फैमिली को सोवियत संघ के शासक रहे स्टालिन ने गिफ्ट की थी. तब से ये उत्तर कोरिया के शासकों की शाही ट्रेन बनी हुई है. इस ट्रेन पर बाहर से हरे और पीले रंग का पेंट किया गया है. वहीं, अंदर से ये ट्रेन चमकदार सफेद रंग की है. इस ट्रेन में ब्रीफिंग के लिए टेबल और फ्लैट स्क्रीन मॉनिटर भी लगे हुए हैं.
ट्रेन में परोसी जाती हैं शाही डिशरूस के एक पूर्व अधिकारी कांस्टेटिन पुलिकोव्स्की ने किम जोंग उन की इस शाही ट्रेन को लेकर ‘ओरिएंट एक्सप्रेस’ नाम से एक किताब लिखी है. उन्होंने किताब में इस ट्रेन के बारे में बहुत सी जानकारियां दी हैं. कांस्टेटिन लिखते हैं, कि ट्रेन में तमाम तरह की स्वादिष्ट डिश परोसी जाती हैं. किम जोंग की यात्राओं के दौरान ट्रेन में फ्रांस की वाइन, प्रॉन और पोर्क की व्यवस्था की जाती है. गौरतलब है कि किम जोंग के साथ साल 2002 में एक रूसी अधिकारी ने मास्को की यात्रा की थी. उसने बताया था कि किम की ट्रेन में खाने के लिए बेहतरीन व्यंजन होते हैं.
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ट्रेन में काम करती है प्लेजर ब्रिगेडकांस्टेटिन की किताब के मुताबिक, ट्रेन में यात्रियों का मनोरंजन करने के लिए युवा चीयरलीडर्स रहती हैं. किम जोंग उन्हें महिला कंडक्टर के तौर पर पेश करते हैं. उन्हें प्लेजर ब्रिगेड के तौर पर भी जाना जाता है. इसके लिए पूरे उत्तर कोरिया से खूबसूरत लड़कियां छांटी जाती हैं. इनके लिए शर्त रहती है कि प्लेजर ब्रिगेड में शामिल होने के लिए इन लड़कियों को वर्जिन होना चाहिए. डॉक्टर्स की एक टीम इसके लिए आवेदन करने वाली लड़कियों की जांच भी करती है. इस ट्रेन में प्लेजर ब्रिगेड में काम करने वाली इन वर्जिन लड़कियों को मोटी सैलरी दी जाती है. उत्तर कोरिया में 2015 में लंबी, पतली और खूबसूरत लड़कियों की तलाश करने के लिए एक अभियान चलाया गया था. इनका काम ट्रेन में किम जोंग उन की खातिरदारी रहना है. इन्हें सैलरी में 3000 डॉलर से ज्यादा की रकम मिलती है. वहीं, पश्चिमी मीडिया इन लड़कियों को किम जोंग उन की सेक्स स्लेव कहता है.
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शाही ट्रेन में कुल 90 बोगियांदक्षिण कोरियाई अखबार चोसुन इल्बो ने 2009 में खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए एक लेख प्रकाशित किया था, जिसके मुताबिक ट्रेन में 90 बोगियां हैं. ट्रेन में किम जोंग की मर्सिडीज कारें भी साथ ले जाई जाती हैं. उनसे पहले उनके पिता किम जोंग इल की कारें भी इसी ट्रेन से जाई जाती थीं. यही नहीं, इस ट्रेन को बिना रुके सफर पूरा करने के लिए दूसरी ट्रेनों को रोक दिया जाता है. ट्रेन के साथ वायुसेना के मालवाही विमान और एमआई-17 हेलिकॉप्टर की सेवाएं भी ली जाती हैं. ट्रेन के अगल-बगल या आगे- पीछे तीन हाईसिक्योरिटी ट्रेन चलती हैं.
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ट्रेन की सिक्योरिटी का जवाब नहीं किम जोंग उन की इस शाही ट्रेन की रफ्तार बेहद कम है. बताया जाता है कि ये ट्रेन 40-50 किमी प्रति घंटा से ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ पाती है. हालांकि, इसकी अधिकतम स्पीड 60 किमी प्रति घंटा है. धीमी स्पीड के लिए ट्रेन के जरूरत से ज्यादा वजन को जिम्मेदार माना जाता है. ये ज्यादा वजन ट्रेन पर लगाए गए अतिरिक्त कवच के कारण होता है. किम जोंग उन के रहने और आधिकारिक कामों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बोगियों में अतिरिक्त बख्तरबंद चादरें लगाई गई हैं. ट्रेन के सफर पर रहने के दौरान करीब 100 सुरक्षा एजेंटों को किसी भी खतरे से निपटने के लिए रास्ते के सभी स्टेशनों पर पहले से भेजा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 08:39 IST