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पोलैंड क्यों नहीं चाहता रूस को यूक्रेन में मिले जीत, आखिर उसे किस बात का है डर

Why Poland afraid if Russia wins: इस साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध अपने तीसरे साल में प्रवेश कर गया. रूस ने साल 2022 में यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ी थी. जिसके बाद से पश्चिमी मुल्कों के साथ उसके रिश्ते द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए हैं. जंग के दो साल पूरे होने के बाद पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनल्ड टस्क ने चेतावनी दी थी, यूरोप युद्ध से ठीक पहले की स्थिति में है और पूरे महाद्वीप की भलाई के लिए यूक्रेन के खिलाफ रूस को किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा था, “युद्ध अब अतीत की बात नहीं रही. यह सच्चाई है और हमारे सामने है. ये दो साल पहले शुरू हुआ था. और अभी भी जारी है.”

फरवरी 2022 के अंत में रूसी आक्रमण ने यूक्रेन और पोलैंड को बहुत करीब ला दिया. यूक्रेन में पोलैंड के राजदूत बार्टोज सिचोकी, जो रूस के आक्रमण के बाद एकमात्र नाटो और यूरोपीय संघ के राजदूत के रूप में कीव में रुके थे, ने कहा, “हम यूक्रेनवासियों की मदद करने के लिए दौड़े. जब वे लड़े, हमने उनके परिवारों की देखभाल की और उन्हें गोला-बारूद उपलब्ध कराया. यह अस्तित्व की लड़ाई और एकजुटता और एकता का दौर था.”

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यूक्रेनी शरणार्थियों को दी जगहरूस के आक्रमण के बाद, पोलैंड ने दस लाख से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों का स्वागत किया. इन शरणार्थियों ने बिना दस्तावेजों के सीमा पार की और तुरंत सामाजिक लाभ प्राप्त किया. वारसॉ ने कीव को सोवियत युग के सैन्य उपकरण भी प्रदान किए जो उसने अपने भंडार में छोड़ दिए थे. इस तरह पोलैंड पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन का कट्टर समर्थक बनकर उभरा. दुर्भाग्य से, अधिकांश पश्चिमी यूरोप आश्वस्त थी कि यह युद्ध कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा. इसलिए टैंक, गोला-बारूद या अन्य हथियार भेजने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि रूसी जल्द ही जीत की घोषणा कर देंगे. लेकिन इन सबसे अलग यूक्रेन की मदद के लिए पोलैंड सबसे आगे खड़ा रहा.

रूसी विरोधी भावनापोलैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री माटुस्ज मोरावीकी आक्रमण के बाद कीव का दौरा करने वाले पहले विदेशी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जबकि पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा का कथित तौर पर युद्ध के पहले महीनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की के साथ सीधा संबंध था. पोलैंड यूरोपीय पहल का नेता भी था. शुरुआत में जर्मनी द्वारा विरोध किए जाने के बाद, उसने यूक्रेन को लेपर्ड टैंक उपलब्ध कराए. पोलैंड-यूक्रेन के दिल में मजबूत रूसी विरोधी भावना थी, जिसने उन्हें एकजुट होने में मदद की.

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कुछ दिनों के लिए संबंधों में आयी खटासलेकिन दोनों देशों के बीच संबंध तब खराब होने लगे जब एक यूक्रेनी मिसाइल पोलैंड के पूर्वी शहर प्रेज़वोडो पर गिरी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. इसके विपरीत सभी सबूतों के बावजूद, जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि मिसाइल रूसी थी, जिसने सहयोगियों के बीच अविश्वास का पहला बीज बोया. फिर यूक्रेनी अनाज के आयात पर पोलिश किसानों को परेशान करने वाले विवाद ने भी संबंधों को खराब किया. मई 2023 में, पोलैंड ने अन्य मध्य यूरोपीय राज्यों के साथ, स्थानीय किसानों के हितों की सुरक्षा का हवाला देते हुए आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. यूक्रेन ने इसे पीठ में छुरा घोंपने वाला कदम बताया. संयुक्त राष्ट्र महासभा में जेलेंस्की ने पोलैंड पर मास्को की मदद करने का आरोप लगाया. लेकिन बाद में स्थितियां ठीक हो गईं.

पोलैंड हो सकता है निशानापोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि अगर रूस की सेना यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में विजयी होती है तो वह अन्य देशों पर आक्रमण करेगा. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि अन्य पड़ोसियों पर हमला हो. आंद्रेज डूडा ने कहा कि फिलहाल नाटो सहयोगी कमजोर हैं. डूडा ने कहा, “अगर वे (रूस) यूक्रेन में जीतने में कामयाब होते हैं, अगर वे अपना लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होते हैं, तो वे अन्य देशों पर हमला करेंगे. यह बाल्टिक देश हो सकते हैं, शायद यह फिनलैंड, या शायद पोलैंड हो सकता है.”

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खयाल रखने की जरूरतआंद्रेज डूडा ने टैंकों, सोवियत युग के जेट विमानों और यूक्रेन को 4 अरब डॉलर की सैन्य सहायता का संदर्भ देते हुए कहा, पोलैंड संभावित खतरे वाले क्षेत्र में है और उसे अपने संसाधनों को फिर से मजबूत करने की जरूरत है. आंद्रेज डूडा ने कहा, “अब हमें अपना खयाल रखने की जरूरत है.” हाल ही में तीसरे विश्व युद्ध की घबराहट भरी चर्चा कुछ ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ा कर कही गई लगती है. फिर भी पूर्वी यूरोप में रूस के आक्रामक शासन द्वारा उत्पन्न खतरा वास्तविक और बढ़ता हुआ है. पहले की तरह, पोलैंड यूक्रेन के लिए लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में है जो आसानी से फैल सकती है.

यूक्रेन में युद्ध ने वारसॉ और मॉस्को के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को नए निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. पोलैंड, जिसने यूक्रेन का समर्थन किया है, रूस पर दुष्प्रचार अभियानों और जासूसी के माध्यम से देश को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाता है.

Tags: Russia, Russia ukraine war, Ukraine war

FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 16:40 IST

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