बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड का क्यों बढ़ जाता है खतरा? डॉक्टर से जानें इसकी वजह

Monsoon Diseases in India: बरसात का मौसम लोगों की मौज-मस्ती के लिए माना जाता है, लेकिन इस दौरान बीमारियों का अटैक भी बढ़ जाता है. बारिश होने से तापमान में गिरावट आ जाती है और मौसम ठंडा हो जाता है, लेकिन इससे जगह-जगह पानी और कीचड़ की समस्या भी पैदा हो जाती है. इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं. इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आज डॉक्टर से जानने की कोशिश करेंगे कि बरसात में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और टाइफाइड का खतरा क्यों बढ़ जाता है. साथ ही यह भी जानेंगे कि इन बीमारियों का पता कैसे लगा सकते हैं.
नोएडा के MASSH-मानस हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नमन शर्मा ने को बताया कि बारिश में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं. इसका कारण होता है कि बरसात में जगह-जगह पानी भर जाता है और वहां मच्छर पनपने लगते हैं. इससे वहां एक ब्रीडिंग ग्राउंड बन जाता है. घर और इसके आसपास कुछ जगहों पर पानी भर जाता है और इसकी वजह से इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में टाइफाइड के केस भी बढ़ जाते हैं, लेकिन यह बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है. यह खाने-पीने में गंदे पानी का इस्तेमाल करने से फैलता है.
डॉक्टर नमन शर्मा ने बताया कि डेंगू एक वायरल इंफेक्शन होता है. इससे संक्रमित होने पर लोगों को तेज बुखार आने लगता है. अत्यधिक सिरदर्द होता है और आंख के पीछे दर्द होता है. इससे मसल्स और जॉइंट्स में दर्द, उल्टी और मतली की शिकायत भी होने लगती है. 4-5 दिन बाद स्किन पर रैशेज भी नजर आने लगते हैं. कई बार डेंगू की वजह से हेमेरेजिक फीवर भी हो जाता है, जिससे लोगों की मौत हो सकती है. ऐसे में अगर किसी को डेंगू के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपना ब्लड टेस्ट कराएं. चिकनगुनिया में भी बुखार के साथ जॉइंट्स पेन होता है. इसके लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो मलेरिया के लक्षण भी काफी हद तक डेंगू जैसे ही होते हैं. मलेरिया होने पर लोगों को ठंड के साथ बुखार आता है. सिरदर्द, उल्टी, पेट खराब होना और मसल्स व जॉइंट्स में दर्द हो, तो ये मलेरिया के लक्षण हो सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को ठंड लगने के साथ बुखार आए, तो अपना टेस्ट करवाना चाहिए. डॉक्टर मलेरिया की पुष्टि होने के बाद एंटी-मलेरिया और अन्य दवाएं देते हैं. मलेरिया को लेकर भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इसके अलावा टाइफाइड होने पर लोगों को लगातार बुखार बना रहता है और प्रतिदिन बढ़ता रहता है. थकान बनी रहती है और सिरदर्द होता रहता है. बहुत दिनों तक टाइफाइड का ट्रीटमेंट न करवाएं, तो आंत की समस्याएं हो सकती हैं.
डॉक्टर की मानें तो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और टाइफाइड के कई लक्षण एक समान होते हैं और लोग इन सभी को लेकर कंफ्यूज हो सकते हैं. ऐसे में अगर आपको 1-2 दिन बुखार आए, तो नजदीकी डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच कराएं. इन सभी बीमारियों के अलग-अलग टेस्ट होते हैं. टेस्ट रिजल्ट में पता चल जाता है कि आप किस बीमारी से जूझ रहे हैं. ब्लड टेस्ट के अलावा कई बार बुखार आने पर यूरिन टेस्ट भी कराया जाता है. यूरिन इंफेक्शन की वजह से भी लोगों को बुखार आ सकता है. लोगों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपनी मर्जी से दवा नहीं लेनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : July 6, 2024, 12:43 IST