क्या ज्यादा गुस्सा करने से हार्ट अटैक आ जाएगा? अचानक क्रोध और खींझ का दिल पर क्या होता है असर, डॉक्टर से जान लें पूरी बात

Anger can cause of Heart Attack: क्या आपको अपने गुस्से पर कंट्रोल करना नहीं आता. जब गुस्सा आता है तो चीजों को इधर से उधर फेंक देते हैं. ट्रैफिक में जब फंस जाते हैं तो जोर-जोर सो हॉर्न बजाने और लोगों से उलझने की आदत है. यदि ऐसे लक्षण आपमें हैं तो आपको इस स्थिति में हार्ट अटैक आने का खतरा है. कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि तेज गुस्सा और हार्ट अटैक के बीच मजबूत संबंध है. अध्ययन के मुताबिक बहुत तेज आवेग में आने के दो घंटों के दौरान हार्ट के मसल्स में संकुचन और ब्लड फ्लो घट जाता है. यही कारण है इस दौरान हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. स्टडी के मुताबिक आप जितनी जल्दी-जल्दी गुस्सा करेंगे समय के साथ हार्ट अटैक का जोखिम भी उतना ही अधिक हो जाएगा.क्यों है हार्ट अटैक का खतराफोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि गुस्सा करना वैसे भी खराब है. रेगुलर गुस्सा करने से हार्ट अटैक या ब्रेन में ब्लीडिंग का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि दरअसल, कोई भी ऐसा एक्शन जिसमें एड्रेनेलिन हार्मोन रिलीज होता है उससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. अचानक एड्रेनेलिन के बढ़ने से ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है. इससे अगर धमनियों में पहले से प्लैक जमा है तो वह टूट सकता है और फिर हार्ट अटैक आ सकता है. शुरुआत में बेशक हार्ट अटैक न आए लेकिन यदि आप लगातार गुस्सा करते हैं तो इसका खामियाजा कभी न कभी भुगतना ही पड़ेगा. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जब आप तेज गुस्सा करते हैं तो शरीर में एड्रेनेलिन, इपीनेफ्रीन और कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन रिलीज होने लगते हैं. इससे तत्काल हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ये तीनों हार्मोन का ज्यादा होना हमारे लिए बहुत खराब है. अगर ये हार्मोन बढ़ते हैं तो सिर दर्द, पसीना और दिल तेजी से धड़कने लगता है. इसके अलावा छाती में दर्द और बहुत अधिक बेचैनी होने लगती है. ऐसे में अगर किसी की धमनियां पहले से कमजोर है या इसमें बैड कोलेस्ट्रॉल चिपका हुआ है या कुछ हिस्सा ब्लॉक है, तो ऐसी स्थिति आने पर धमनियों के फटने का खतरा बढ़ जाता है या खून का बहाव रूक सकता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.लगातार गुस्सा से लंबे समय का प्रभावशरीर में ज्यादा मात्रा में एड्रेनेलिन छोटी-छोटी धमनियों को और पतली कर देता है जिससे हार्ट की ओर जाने वाला ब्लड सप्लाई रूक जाती है. यह स्थिति धीरे-धीरे खतरनाक बनने लगती है. अगर हार्ट अटैक नहीं भी आता है और आप लगातार गुस्सा कर रहे हैं तो इससे लंबे समय के लिए आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. इससे आपकी किडनी, आंखें, ब्रेन पर प्रभाव पड़ेगा जो बाद में कई बीमारियों का कारण बन सकता है. कभी-कभी अगर एड्रेनेलिन ज्यादा हो जाए तो यह सीधे हार्ट की कोशिकाओं से जुड़ने लगता है और सेल में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा देता है. इससे हार्ट के मसल्स कमजोर हो जाते हैं और धड़कनें अनियमित होने लगती हैं. इसे स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है. इसलिए यदि आपको पहले से बीपी है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या डायबिटीज है तो ऐसी स्थिति में गुस्सा करना ज्यादा घातक साबित हो सकता है. ऐसे में पहले से प्रबंध कर लेना ठीक रहेगा. इस स्थिति में डॉक्टर बायपास सर्जरी की सलाह देते हैं.
कैसे करें गुस्से को काबूडॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जब आपको गुस्सा आए तो पहले एक से 10 तक गिनें और सोचें कि इस गुस्से से आपको क्या मिलेगा. अगर इससे भी ठीक नहीं हो रहा है तो एक गेंद साथ में रखें और जब गुस्सा आए तो इसे जोर-जोर से दबाएं. कभी-कभार गुस्सा किसी को आ सकता है लेकिन रेगुलर गुस्सा एक बीमारी है. अगर किसी भी तरह से काबू में नहीं आ रहा है तो मनोचिकत्सक से दिखाएं. गुस्से को काबू करने का सबसे बेहतर तरीका योग और मेडिटेशन है. इससे मन और बुद्धि शांत रहती है. आपको यह सीखना होगा कि सड़क पर चलते हुए ट्रैफिक की समस्या हर किसी के लिए है, हर कोई जल्दी में होता है, ऐसे में किसी पर गुस्सा उतारना सही बात नहीं है. गुस्से को काबू में करने के लिए रोज वॉक करें और कुछ समय निकाल कर योग और ध्यान जरूर करें. इससे मन शुद्ध होगा. वहीं लंबी गहरी सांस लेकर फिर इसे छोड़ना जैसे योगाभ्यास भी गुस्से को काबू में करने का शानदार तरीका है.
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FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 16:04 IST