Rajasthan

Nothing Is Going To Happen To Me For 15-30 Years- Gehlot – मुझे 15— 30 साल कुछ नहीं होने वाला, विरोधी दुखी हों तो हों: गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने आज प्रशासन शहरों के संग अभियान के शुभारंभ के दौरान अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। गहलोत ने सीएमआर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मुझे 15— 20 साल कुछ नहीं होने वाला है, यदि कोई दुखी हो तो हों, मैं कही जाने वाला नहीं हूं।

By: rahul

Updated: 02 Oct 2021, 03:52 PM IST

राहुल सिंह

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने आज प्रशासन शहरों के संग अभियान के शुभारंभ के दौरान अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। गहलोत ने सीएमआर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मुझे 15— 20 साल कुछ नहीं होने वाला है, यदि कोई दुखी हो तो हों, मैं कही जाने वाला नहीं हूं। ये सरकार पांच साल चलेगी और दुबारा भी हमारी ही सरकार बनेगी। स्वायत्त शासन मंत्री के शानदार काम को देखते हुए शांति धारीवाल को चौथी बार यूडीएच मंत्री बनाउंगा। गहलोत ने कहा कि जनता खुद कहती हैं कि राजस्थान में कहीं भी एंटीइनकम्बेंसी नहीं है, हां हमारे पार्टी के कुछ साथी जरूर लाइन पार कर देते है। राजस्थान की जनता कांग्रेस की ही सरकार बनाएगी।

गहलोत ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी है। मेरी तबियत को लेकर कहा गया कि पता नहीं क्या हुआ है। गहलोत ने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता की दुआएं मेरे साथ है। मेरे अंदर क्या हुबा था, ये चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को पता है उन्होंने एक हैड मास्टर की तरह पूरी मॉनीटरिंग की हुई थी। इस दौरान सीएम गहलोत ने चुटकी ली और ये भी कहा कि सीएस बैठे हुए है और अन्य अधिकारी भी हैं, इन्हें चिंता थी कि सरकार रहेगी या नहीं। मुख्यमंत्री गहलोत ने ये भी कहा कि मीडिया कर्मी चाहते है कि मैं कुछ बोलूं,सुबह से मेरे पीछे पड़े है बोलने के लिए।लेकिन मैं सब बोलूंगा। राजनीति का पोस्टमार्टम भी करूंगा।

अमित शाह की मेहरबानी से 34 दिन बाहर रहा— सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले साल कोरोना के दौरान सरकार गिराने की कोशिशें की गई। अमित शाह और धर्मेन्द्र प्रधान की मेहरबानी से मैं अपने साथियों के साथ कोरोना काल में जयपुर से जैसलमेर तक बाहर ही रहा।अंदर नहीं गया। दुबारा कोरोना आया तो पूरे देश की स्थिति खराब हो गई।

कटारिया को माहेश्वरी को निपटाना था—
उप चुनाव के दौरान कोरोना में ही मैनेें तो प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया को सलाह दी थी कि वे बाहर नहीं जाएं लेकिन वे राजसमंद गए क्यों कि किरण माहेश्वरी सीट उन्हें हरवानी थी। माहेश्वरी को स्वर्गवास के बाद भी निपटाना था। गहलोत ने कहा कि वे तो सबको कह रहे थे कि अभी बचाव करें और बाहर नहीं निकलें।

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