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महिला को हुई अजीब बीमारी, पीठ पर निकली सूंढ़, सर्जरी कराना भी था जानलेवा, फिर यूं डॉक्टरों ने बचाई जान Woman suffered strange disease trunk appear neck after surgery doctors saved her life unusual illness bizarre news

दुनियाभर में कई ऐसी बीमारियां हैं, जो लाइलाज हैं. इनमें से कुछ बीमारियां अपने आप लोगों को हो जाती हैं, तो कुछ अनुवांशिकी गुणों के कारण बढ़ती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अजीब बीमारी की शिकार हो गई. उसके गर्दन पर हाथी की तरह सूंढ़ निकल आया. महिला का नाम एलेक्जेंड्रा है, जो जर्मनी के गोपिंगेन की रहने वाली है. एलेक्जेंड्रा ने बताया कि उसकी गर्दन पर सूंढ़ जैसा निकला ये एक्स्ट्रा चरबी काफी भारी है. गलती से भी कोई छू देता है तो असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है.

डेलीमेल के रिपोर्ट के मुताबिक, एलेक्जेंड्रा की गर्दन पर निकला ये सूंढ़ धीरे-धीरे बढ़ता गया. 20 साल पहले ये एक छोटी सी गांठ के रुप में नजर आता था. फिर 15 साल की उम्र में ये अंगूर के बराबर हो गया. लेकिन इसका बढ़ना इतने पर ही नहीं रुका. बाद में यह इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसकी लंबाई गर्दन से जांघ तक पहुंच गई. सूंढ़नुमा गांठ का वजन भी बढ़ता गया. ऐसे में एलेक्जेंड्रा को उसे उठाने कर कहीं जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. बढ़ती लंबाई और वजन के कारण सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी. इस दुर्लभ बीमारी को एनएफ-1 न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नाम से जाना जाता है, जो लाइलाज है और पूरे शरीर में बढ़ता है, जिनमें से कुछ कैंसर में विकसित हो सकती हैं.

एलेक्जेंड्रा ने टीएलसी के टेक माई ट्यूमर के नवीनतम एपिसोड में कहा कि वजन एक बैकपैक की तरह है, जिसे आप अपने कंधों पर नहीं ले जा सकते, लेकिन इसके साथ जीना मेरी मजबूरी बन गई थी. बता दें कि लगभग 3,000 लोगों में से सिर्फ एक शख्स ही एनएफ-1 न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के साथ पैदा होता है, जिसे वॉन रेक्लिंगहौसेन रोग भी कहा जाता है. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस से असामान्य रूप से बड़ा सिर, छोटा कद, हृदय की समस्याएं, दौरे और सीखने की अक्षमताएं भी विकसित हो सकती हैं. घर से बाहर जाने में भी एलेक्जेंड्रा को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है, ताकि दर्द से बच सके. इस दौरान उसके पिता हमेशा पीछे चलते हैं.

लकवा के डर से नहीं हटवाती थी ट्यूमर

एलेक्जेंड्रा ने ट्यूमर को इस डर से निकलवाने से परहेज किया कि यह उसकी रीढ़ की हड्डी से जुड़ा हुआ था और इसे हटाने से उसे लकवा मार सकता था. डॉक्टर्स भी इस ट्यूमर को हटाने से डरते थे. लेकिन हजारों मील दूर एलेक्जेंड्रा ने लॉस एंजिल्स स्थित सिर और गर्दन के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ओसबोर्न हेड और नेक इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. रयान ओसबोर्न को ढूंढ निकाला, जिन्होंने इसे निकालने का आश्वासन दिया. डॉ ओसबोर्न ने इसकी वृद्धि को ‘असामान्य’ बताया और कहा कि उन्होंने ‘इस तरह से ट्यूमर को बढ़ते हुए कभी नहीं देखा.

6 घंटे की सर्जरी, बहा काफी खून

डॉक्टरों ने एलेक्जेंड्रा की 6 घंटे सर्जरी की. उन्हें डर था कि इस ऑपरेशन में काफी खून बह सकता है. ऐसे में इससे निपटने के लिए डॉ. ओसबोर्न और उनकी टीम ने ट्यूमर को ऑपरेटिंग टेबल के ऊपर लटका दिया और एक टूर्निकेट लगाया ताकि रक्त प्रवाह बंद हो जाए. 6 घंटे की सर्जरी के दौरान मेडिकल टीम खून की कमी को नियंत्रित करने में सक्षम रही और पूरे ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया. अब एलेक्जेंड्रा के शरीर पर केवल कुछ इंच लंबा निशान रह गया है. इस सर्जरी के 12 सप्ताह बाद वापस जर्मनी में एलेक्जेंड्रा उन पोशाकों की खरीदारी करने गई, जिन्हें वह पहन सकती थी. उसके शरीर से भारी बोझ हट चुका था.

Tags: Ajab Bhi Ghazab Bhi, Khabre jara hatke, Weird news

FIRST PUBLISHED : April 11, 2024, 14:50 IST

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