गुदड़ी बनाने की कला बना रोजगार का जरिया, होटल से लेकर कई देशों में डिमांड, रोजाना कमाई कर रही महिलाएं

Last Updated:April 13, 2025, 13:19 IST
Jaipur Traditional Guddi: जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल में महिलाएं परंपरागत डिजाइनर गुदड़ियां तैयार रही है. इसकी डिमोंड थ्री स्टर से लेकर फाइव स्टार होटलों तक में है. राजस्थान की पारंपरिक गुदड़ी की मांग मुंबई, दिल्ली,…और पढ़ेंX
गांवों की महिलाओं के द्वारा बनाई गई गुदड़ीयो की मांग है
हाइलाइट्स
जयपुर की महिलाएं पारंपरिक गुदड़ी बना रही हैं.गुदड़ी की मांग मुंबई, दिल्ली, जयपुर में अधिक है.महिलाएं घर पर रहकर रोजाना 400 तक कमा रही हैं.
जयपुर. राजधानी जयपुर से 68 किलोमीटर दूर किशनगढ़ रेनवाल क्षेत्र में महिलाएं परंपरागत गुदड़ी को स्टाइलिश लुक देखकर दे रही हैं. इन महिलाओं के द्वारा खराब कपड़ों से ये गुदडियां बनाई जा रही है. जयपुर, मुंबई और दिल्ली जैसे बडे़ शहरों की थ्री स्टार और फाइव स्टार होटल में भी इन गांवों की महिलाओं के द्वारा बनाई गई गुदड़ियों की मांग है. इन गुदड़ियों की डिजाइन और कलर मिक्सिंग के कारण यह बहुत आकर्षक नजर आती है यही कारण है की मार्केट में उनकी डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.
सूती कपड़े वाले सांगानेरी प्रिंट धागे से बनाती हैं गुदड़ी
किशनगढ़ और उनके निकटवर्ती गांव मिंडा सुखालपुरा दर्जनों महिलाएं गुदड़ी बनाने का काम कर रही हैं. इनकी गुदड़ी की डिजाइन सूती कपड़े वाले सांगानेरी प्रिंट को विशेष धागे से तैयार की जाती है. यह विशेष और आकर्षक आकार के डिजाइन में बनाई जाती है. इन महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे गुदड़ी के मॉडल पूरे देश में पसंद किए जा रहे हैं. राजस्थान के अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, जयपुर जिलों में इन डिजाइनर गुदड़ियों की डिमांड सबसे ज्यादा है. बढ़ती मांग के चलते इन जिलों की महिलाओं द्वारा भी ये बनाई जाने लगी है. यह काम महिलाओं के लिए घर पर रहकर आसानी से अच्छी कमाई करने का जरिए बन गया है.
देश-विदेश में है जयपुरिया गुदड़ी की डिमांड
गुदड़ियां बनाने वाली शारदा देवी ने बताया कि सूती कपड़े वाले आकर्षित प्रिंट के कपड़े को निश्चित आकार में कांटकर दो भागों में बांट लेते हैं. फिर उसी कपड़े की बराबरी पर अन्य चार से पांच कपड़ों की एक लेयर बनाई जाती है. महिलाएं बारीकी से मोटे धागे से इन परतों वाले कपड़े को एक निश्चित और खास डिजाइन पर अपने हाथों से सिलाई करती है. गुदड़ी की सिलाई विशेष प्रकार से होती है धागे की मोटाई और सिलाई का मैप निश्चित होता है. यह सारी सिलाई हाथों से होती है. गुदड़ी बनाने में 7 से 10 दिन का समय लग जाता है. जयपुर की महिलाओं द्वारा तैयार राजस्थान की पारंपरिक गुदड़ी की मांग देश के मेट्रो सिटी मुंबई, दिल्ली, जयपुर की फाइव स्टार होटल में ज्यादा रहती है. इसके साथ ही राजस्थान की गुदड़ी भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों में भी भेजी जा रही है.
आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं
जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल मुख्यालय से संचालित अल्का फाउंडेशन ने महिला स्वरोजगार योजना के तहत दर्जनों महिलाओं को गुदड़ी बनाने की प्रॉपर ट्रेनिंग दी है. फाउंडर नरेंद्र गर्वा ने बताया कि आज गुदड़ी बनाने वाले कार्य में 200 से 300 महिलाएं काम कर रही हैं. एक महिला 7 से 10 दिनों में आसानी से गुदड़ी तैयार कर लेती हैं. यहां महिलाएं समूह में गुदड़ी तैयार करती है. एक महिला को 300 से 400 रुपए गुदडी बनाने के मिल जाते हैं. जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल के निकटवर्ती गांवों की महिलाओं द्वारा तैयार किया गया परंपरागत गुदड़ी मॉडल पूरे देश में अपनाया जा रहा है. इन महिलाओं द्वारा तैयार गुदड़ी शहर के मेट्रो सिटी के फाइव स्टार होटल में 4000 से 5000 तक बेची जाती है. महिलाएं स्वरोजगार अपना कर आत्मनिर्भर बन रही है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 13, 2025, 13:19 IST
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गुदड़ी बनाने की कला बना रोजगार का जरिया, रोजाना कमाई कर रही महिलाएं