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Women suffering PCOS should take Banana Broccol Broccoli Omega 3 Fatty | PCOS की समस्या में महिलाओं को जरूर लेना चाहिए ये चार सप्लीमेंट, प्रेग्नेंसी से लेकर पीरियड तक की परेशानी होगी दूर

पिछले कुछ सालों में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ((Polycystic ovary syndrome)) के मामले दुनिया में तेजी से बढ़े हैं। अपने देश में ही करीब 20 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं इस रोग से पीड़ित हैं। ये ऐसी हार्मोनल स्थिति है जिससे प्रजनन और प्रजनन संबंधी समस्याएं ही नहीं, वेट बढ़ने से लेकर बालों का झड़ना, मुंहासे और अनियमित पीरियड्स की समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। पीसीओएस एक ऐसी बीमारी है जो सामान्य जीवन को कठिन बना देती है। लेकिन इस बामारी को कंट्रोल मे रखना आसान हो जाएगा अगर आप रोज अपनी डाइट में कम से कम चार सप्लीमेंट ऐड कर लें तो।

Updated: March 10, 2022 12:10:51 pm

PCOS एक प्रकार की सिस्‍ट होती है जो कि ओवरी में होती है। कभी ये बीमारी 45 प्लस महिलाओं में होती थी, लेकिन अब ये कम उम्र की लड़कियों में भी होने लगी है। सही डाइट न लेना, आराम तलबी, पौषक तत्वों की कमी और खराब लाइफस्टाइल के चलते जैसे स्मोकिंग या शराब की लत के चलते PCOS की समस्या बढ़ने लगी है।

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PCOS की समस्या में महिलाओं को जरूर लेना चाहिए ये चार सप्लीमेंट,

पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम तब होता है जब हार्मोंस में असंतुलन होता है। हार्मोन में होने वाले बदलाव पीरियड साइकिल को सबसे पहले डिस्टर्ब करते हैं। इसकी वजह से ही ओवरी में छोटी सिस्‍ट बनने लगते हैं। ये बीमारी कंट्रोल की जा सकती है लेकिन इसके लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बहुत बदलाव और सुधार की जरूरत होती है। तो चलिए जानें कि पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या हाेने पर किन चार सप्लिमेंट को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
विटामिन सी युक्त फलों को खूब खाएं
इनोसिटोल या मायो-इनोसिटोल कई पौधों में पाया जाता है और इसे आर्टिफिशियली भी बनाया जाता है। ये एक प्रकार का तत्व है जो प्राकृतिक रूप से खरबूजे, खट्टे फल, बीन्स, ब्राउन राइस, मकई और तिल के बीज, और गेहूं की भूसी में पाया जाता है। ये एक प्रकार का विटामिन हेाता है और ये मेटाबाॅलिक रेट और हार्मोंस को एक्टिवेट करने का काम करता है। पीसीओएस के मामले में यह डिम्बग्रंथि में सुधार करता है और पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को दूर कर महिलाओं में गर्भधारण की प्रकिया को आसान बना देता है।

orange_for_pcos_.jpgअलसी के बीज और अखरोट खाएं
ओमेगा -3 फैटी एसिड वो आवश्यक फैटी एसिड है और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट फैमेली से संबंधित है। ओमेगा -3 फैटी एसिड का नियमित सेवन कई बीमारियों से बचाता है। ये शरीर के बाहरी और आंतरिक अंगों के सूजन को दूर करने के साथ डिप्रेशन को भी दूर करता है। पीसीओएस में ये ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ाने और लेप्टिन में सुधार करने में मदद होता है, जो भूख को कम करता है और वजन घटाने में भी लाभकारी होता है। ओमेगा -3 के समृद्ध प्राकृतिक स्रोतों में अलसी का तेल और अखरोट आदि शामिल हैं। इसके पिल्स भी मौजूद हैं जो आपकी डेली खुराक को मैनज करते हैं।
broccoli_for_pcos_.jpgब्रोकली और नट्स खाएं
क्रोमियम चीनी और वसा के चयापचय के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। रोजाना इसे 50 से 200 मिलीग्राम तक लेना आपकी कई समस्याओं के साथ पीसीओएस की समस्या को भी दूर करेगा। क्रोमियम के कुछ प्राकृतिक स्रोतों में शंख, ब्रोकोली और नट्स शामिल हैं।
bananae_for_pcos_.jpgप्रोटीन बेस्ड डाइट
एसिटाइलसिस्टीन, जिसे एन-एसिटाइलसिस्टीन के रूप में भी जाना जाता है, अमीनो एसिड सिस्टीन का पूरक रूप है, जिसका उपयोग शरीर एंटीऑक्सिडेंट बनाने के लिए करता है। यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है। यह पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से सेम, दाल, पालक, केला, और कुछ मछलियों में पाया जाता है। इसके सप्लीमेंट्स भी आते हैं।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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