World Hindi Book Fair novel ‘Hamanwai Na Thi’ was released | World Book Fair 2024: पुस्तक मेले की रौनक ‘हमनवाई न थी’, तसनीम खान के दूसरे उपन्यास का विमोचन

लेखक सत्यनारायण ने कहा कि तसनीम का यह उपन्यास इश़्क के अफसानों से अलहदा है। यह इस समय के देश, काल की स्थितियों को सामने रखता है, जहां मुहब्बत एक प्रतिरोध की तरह सामने आती है। तसनीम खान के उपन्यास और कहानियां एक अलग दुनिया से रूबरू करवाते हैं। वे इस्मत चुगताई, कुर्तुलएन हैदर, नासिरा शर्मा की कड़ी को आगे बढ़ाती हैं। वहीं तसनीम खान ने बताया कि इस उपन्यास को लिखने में उन्हें पांच साल का समय लगा। यह शिवेन और सनम के इश़्क के बीच अपने-अपने अस्तित्व को पहले चुनने की कहानी है। दोनों के अपने-अपने संघर्ष हैं, संघर्ष और इश़्क के बीच क्या चुनना है, इसे लेकर दोनों बिलकुल साफ नज़रिया रखते हैं।
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इससे पहले उनका पहला उपन्यास ‘ए मेरे रहनुमा’ 2016 में भारतीय ज्ञानपीठ से आ चुका है। इसका अंग्रेजी अनुवाद भी भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हो चुका है। वहीं कलमकार मंच से उनका एक कहानी संग्रह आ चुका है। यह उनकी तीसरी किताब है। तसनीम खान की एक कहानी ‘मेरे हिस्से की चांदनी’ का अंग्रेजी अनुवाद आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से प्रकाशित हो चुका है। विमोचन के मौके पर लेखक स्मिता सिन्हा, अमिताभ राय, जीवन सिंह, जीसी बागड़ी, हरिनारायण, रश्मि भारद्वाज सहित अन्य मौजूद रहे।