Aseefa Bhutto: कौन हैं पाकिस्तान की ‘फर्स्ट लेडी’ आसिफा भुट्टो? जरदारी की ये लाडली बन रहीं पाक सियासत की अगली ‘बेनजीर भुट्टो’ | Aseefa Bhutto, the First Lady of Pakistan, won the Assembly Election

Grateful and honoured to have been elected unopposed as MNA NA-207 Shaheed Benazirabad-I.
I pledge to serve all my constituents to the best of my abilities, with dedication and irrespective of political affiliation.
Would like to thank the people of my constituency, PPP…
— Aseefa B Zardari (@AseefaBZ) March 29, 2024
Nawabshah is already celebrating 🎉♥️🖤💚 couldn’t be prouder of our newest member of Parliament #MNA @AseefaBZ #PPP #NA207 https://t.co/JIYtoOEJ1e— Bakhtawar B-Zardari (@BakhtawarBZ) March 29, 2024
दूसरी तरफ जेल में बंद और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imrasn Khan) की पार्टी PTI ये आरोप लगा रही है कि शहीद बेनजीराबाद सीट से उनके प्रत्याशी ग़ुलाम मुस्तफा रिंद को सकरंद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वो आसिफा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। PTI ने कहा है कि अगर उनके प्रत्याशी को जल्द नहीं छोड़ा गया तो वो पूरे पाकिस्तान में आंदोलन करेंगे।
आसिफा की सियासत में एंट्री भर से घमासान!
साफ है कि आसिफा भुट्टो (Aseefa Bhutto) की सियासत में एंट्री भर से ही पाकिस्तान की राजनीति में कितनी उथल-पुथल मच रही है। यहां हम आपको आसिफा भुट्टो जरदारी के बारे में कुछ अहम बातें बता रहे हैं जिनसे लोग उन्हें पाकिस्तान की अगली बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) बनने का दावा कर रहे हैं।

1- आसिफा भुट्टो पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी और पाकिस्तान की पहली महिला पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के बेटी हैं। बेनज़ीर भुट्टो की हत्या 27 दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में कर दी गई थी। आसिफ और बेनजीर के 3 बच्चे बिलावल भुट्टो, बख़्तावर भुट्टो और आसिफा भुट्टो हैं। आसिफा सबसे छोटी हैं।

2- आसिफा पाकिस्तान के इतिहास का एक अहम हिस्सा भी हैं। आसिफा भुट्टो (Asifa Bhutto) का जन्म 3 फरवरी 1993 को पाकिस्तान में ही हुआ था। अपने जन्म के कुछ महीनों बाद वो पोलियो के खिलाफ टीका लगवाने वाली देश की पहली बच्ची बनीं थीं और ये उनकी मां और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की वजह से हुआ था। उन्होंने आसिफा को ओरल पोलियो ड्रॉप्स पिलाकर टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उस समय पाकिस्तान में पोलियो के लगभग 22,000 मामले थे। इसके बाद आसिफा राष्ट्रीय पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए पाकिस्तान की राजदूत भी बनीं थीं।

3- आसिफा (Asifa Bhutto) ने ब्रिटेन से ग्लोबल हेल्थ में मास्टर्स का कोर्स किया हुआ है। उन्होंने 25 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ा था। हालांकि आसिफा किसी राजनीतिक पद पर नहीं थीं लेकिन हाल ही में उनके पिता आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने अपने राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें पाकिस्तान की प्रथम महिला बनाने का फैसला लिया था। जो पाकिस्तान की सियासत के इतिहास में पहली बार हो रहा है और अब वो सांसद भी बन चुकी हैं।

4- आसिफा भुट्टो के 2013 से ही पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में आने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। उनके भाई बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP के कई नेताओं का कहना है कि आसिफ़ा अब पार्टी का नेतृत्व संभालेंगी। उनका मानना है कि राष्ट्रपति जरदारी अपनी सबसे छोटी बेटी को अपने दूसरे दो बच्चों की तुलना में राजनीतिक रूप से ज्यादा सक्षम और ज्यादा प्रभावी मानते हैं।
