Rajasthan

Yoga Should Be Included In Industries: Digvijay Dhabria – योग का हो उद्योगों में समावेश: दिग्विजय ढाबरिया

पीएचडी चैम्बर ( PHD Chamber ), राजस्थान चैप्टर ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ( International Day of Yoga ) के उपलक्ष्य में एक वेबिनार का आयोजन किया। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि योग अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है, क्योंकि यह मनुष्य और प्रकृति के बीच मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति और सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने सदैव खुशी की अनुभूति, उत्पादकता और सफलता के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने पर बल दिया।

जयपुर। पीएचडी चैम्बर, राजस्थान चैप्टर ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक वेबिनार का आयोजन किया। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि योग अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है, क्योंकि यह मनुष्य और प्रकृति के बीच मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति और सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने सदैव खुशी की अनुभूति, उत्पादकता और सफलता के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने पर बल दिया।
योगाचार्य ढाकाराम ने कहा की मनुष्य जीवन का उद्देश्य सदैव खुशी की अनुभूति को प्राप्त करना रहा है और खुशी हर मनुष्य में विध्यमान रहती है, जिसे योग साधना के माध्यम से प्राप्त एवं महसूस किया जा सकता है। वेबिनार में कुछ महत्वपूर्ण सरल एवं प्रभावकारी योगिक क्रियाओं का प्रदर्शन भी दिया गया, जिन्हे कार्यस्थल एवं उद्योगों में नियमित रूप में करने से एक सकारात्मक वातावरण बनता है एवं उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
पीएचडी चैम्बर, राजस्थान चैप्टर के अध्यक्ष दिग्विजय ढाबरिया ने कहा कि ‘योग अपने जीवन में संतुलन स्थापित करने के लिए है। यह आपके शरीर, आत्मा और दिमाग को संतुलित करने का माध्यम है, जिससे आप स्वस्थ जीवन जी सकें।Ó योग अपने पेशेवर और व्यक्तिगत सोच को आकार देने में भूमिका निभाता है। यह सिर्फ शरीर नहीं बल्कि मन और दिमाग को भी स्वस्थ रखता है। महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में सभी भागीदारों, कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। इसी के मद्देनजर कंपनी प्रतिष्ठित चिकित्सकों और प्रशिक्षकों के जरिये परिजनों के लिए मानसिक स्वास्थ्य एवं योग पर साप्ताहिक सत्रों का आयोजन किया जाना चाहिए।



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