Rajasthan

आषाढ़ को माना जाता है धर्म-कर्म का महीना, गुरु की पूजा करने से हर फल की होती है प्राप्ति-Ashadh is considered the month of religious activities, by worshiping Guru one gets all the wishes

भीलवाड़ा – आषाढ़ माह सनातन धर्म के अनुसार धार्मिक और सेहत के हिसाब से महत्वपूर्ण महीना है. धार्मिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ माह में गुरु की उपासना सबसे फलदायी होती है. इस माह में श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस माह से वर्षा काल की शुरुआत भी होती है ऐसे में इस पवित्र महीने में जल देव की उपासना का भी एक बड़ा महत्त्व है कहा जाता है कि जल देव की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है.

भीलवाड़ा के नगर व्यास पं. कमलेश व्यास ने कहा कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही खास माना जाता है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है. वहीं ये माह धर्म-कर्म के अलावा सेहत के नजरिये से भी बहुत खास होता है. यानी ये मौसम परिवर्तन का समय होता है. इस दौरान गर्मी खत्म होती है और बारिश की शुरुआत होती है. आषाढ़ महीने में सूर्य मिथुन राशि में रहता है. इस कारण भी रोगों का संक्रमण बढ़ता है. ऐसे में खाने पीने का विशेष ध्यान रखना जरूरी माना जाता है.

चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है आषाढ़ मासनगर व्यास प. कमलेश व्यास के अनुसार आषाढ़ मास के प्रमुख व्रत-त्योहारों में जगन्नाथ रथयात्रा महत्वपूर्ण है. इस बार 7 जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी. इसी महीने देवशयनी एकादशी के दिन से श्री हरि विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं इसके कारण अगले 4 माह तक शुभ कार्यों को करने की मनाही है इसे चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है ऐसे में इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो 4 माह की अवधि है जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता हैं. इस अवधि में यात्राएं रोककर संत समाज एक ही स्थान पर रहकर व्रत और ध्यान सहित तप करते हैं. ताकी भगवान की आराधना कर सके.

FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 06:01 IST

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