Zoho mail in trend 12 lakh government officials switched to zoho replaced nic system more security and privacy- 12 लाख सरकारी कर्मचारियों का ईमेल Zoho पर हुआ शिफ्ट, सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी पर खास ध्यान

जोहो (Zoho) की पॉपुलैरिटी बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसी कड़ी में भारत में केंद्रीय कर्मचारियों के ईमेल सिस्टम में एक बड़ा बदलाव आया है. लगभग 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के कर्मचारी भी शामिल हैं, का ईमेल अब Zoho Corporation के बनाए गए प्लेटफॉर्म पर ट्रांज़िशन कर दिया गया है. यह कदम लंबे समय से चल रहे National Informatics Centre (NIC) ईमेल सर्विस को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
यह बदलाव भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के व्यापक अभियान का हिस्सा है. शिक्षा मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें अधिकारियों को Zoho Suite अपनाने का निर्देश दिया गया.
स्वदेशी चीज़ों पर फोकससरकार का उद्देश्य देशी तकनीक को बढ़ावा देना और सुरक्षित, घरेलू डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करना है. Zoho Suite उन ओपन-सोर्स टूल्स की जगह ले रहा है जिन्हें आधिकारिक इस्तेमाल के लिए कम सुरक्षित माना जाता था.
सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन को लेकर भी कदम उठाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा के मुद्दों की समीक्षा NIC और CERT-In के साथ की गई. डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए Software Quality Systems (SQS) से नियमित ऑडिट किए जाएंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘सभी आवश्यक उपाय संवेदनशील सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए किए गए हैं.’
पूर्व IAS अधिकारी के.बी.एस. सिद्धू ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन चेतावनी दी कि डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल ‘वॉटरटाइट’ होने चाहिए. उन्होंने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और भारत में स्थित डेटा सेंटरों के स्वतंत्र ऑडिट की अहमियत पर जोर दिया ताकि संभावित साइबर खतरों से बचा जा सके.
NIC, जो 1976 में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत स्थापित हुआ था, दशकों तक सरकारी ईमेल इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन करता रहा. 2023 में दिए गए सात साल के कॉन्ट्रैक्ट के तहत अब Zoho जिम्मेदारी संभाल रहा है, हालांकि आधिकारिक ईमेल डोमेन अब भी nic.इन और gov.इन रहेंगे.
Zoho के संस्थापक स्रीधर वेम्बु ने 10 अक्टूबर को अपनी मैसेजिंग ऐप Arattai के संदर्भ में प्राइवेसी चिंता पर कहा कि कंपनी का बिज़नेस मॉडल ‘विश्वास पर आधारित’ है और यूज़र्स डेटा का मार्केटिंग के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाता. उन्होंने यह भी बताया कि सेवाओं में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू किया जा रहा है.
बता दें कि हाल ही में कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने अपने पर्सनल ईमेल अकाउंट को Zoho में शिफ्ट करने की घोषणा की, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी संचार अभी भी NIC डोमेन के तहत ही होगा.