Zydus Cadila gets DCGI approval for phase III trial of Zycov-D

Zydus Cadila को दो-खुराक वाली कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए DGCI की मंजूरी मिल गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह के अंत तक भारत में बनी दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन आ सकती है।
नई दिल्ली। भारतीय दवा कंपनी Zydus Cadila को अपनी दो-खुराक वाली COVID-19 वैक्सीन ZyCoV-D के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय दवा नियामक यानी डीसीजीआई की मंजूरी मिल गई है। कैडिला हेल्थकेयर ने अपने नियामक आवेदन में कहा, “कंपनी को दो-खुराक कोविड वैक्सीन के लिए तीसरे चरण के परीक्षणों के संचालन की अनुमति मिली है।”
पहली डीएनए वैक्सीन ZyCoV-D ऐसी पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन भी है जिसका बच्चों में परीक्षण किया गया है। तीन-खुराक वाली वैक्सीन को अगस्त में भारत के दवा नियामकों द्वारा एक आपातकालीन इस्तेमाल (ईयूए) प्रदान किया गया था, क्योंकि अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों से पता चला था कि यह रोगसूचक कोविड-19 को रोकने में 66% प्रभावी थी।
हालांकि, कंपनी ने इस अध्ययन का विवरण जारी नहीं किया है या फिर इसे एक पीयर-रिव्यू लिए प्रस्तुत नहीं किया है। Zydus Cadila ने EUA दिए जाने के तुरंत बाद प्रत्येक खुराक में 3 मिलीग्राम के साथ टीके की दो-खुराक व्यवस्था का परीक्षण शुरू कर दिया था।
दरअसल, सभी वैक्सीन यानी टीके परीक्षण के तीन चरणों से गुजरते हैं। पहले चरण में वैक्सीन को कम संख्या में लोगों को सुरक्षा और खुराक का परीक्षण करने के साथ ही और यह देखने के लिए दिया जाता है कि क्या यह एक इम्यून रिस्पॉन्स को ट्रिगर करता है।
जबकि दूसरे चरण में वैक्सीन का परीक्षण विभिन्न समूहों, जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग आदि में यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या यह लोगों को अलग तरह से प्रभावित करता है।
इसके बाद तीसरे चरण में हजारों लोगों में वैक्सीन का परीक्षण किया जाता है ताकि यह जांचा जा सके कि प्लेसबो समूह की तुलना में कितने वायरस से संक्रमित हैं। दूसरा चरण टीके की सुरक्षा का परीक्षण करता है जबकि तीसरा चरण टीके की प्रभावकारिता दर का परीक्षण करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए भारत में दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन का उत्पादन करने का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था, “मैं यूएनजीए को सूचित करना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन को विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी लोगों को दिया जा सकता है।”
अहमदाबाद स्थित स्वास्थ्य सेवा निर्माता को अक्टूबर से अपनी तीन खुराक वाली वैक्सीन को जारी करने की उम्मीद है, लेकिन टीके की कीमत फिलहाल एक मुद्दा बना हुआ है। कहा जाता है कि कंपनी ने अपनी तीन-खुराक वाली वैक्सीन के लिए 1,900 रुपये की कीमत का प्रस्ताव दिया था, लेकिन केंद्र सरकार कीमत में कमी के लिए बातचीत कर रही है, और इस पर एक निर्णय इस सप्ताह के अंत में लिए जाने की संभावना है।